2025: कश्मीर में आतंकवाद और प्राकृतिक आपदाओं का संकट
साल 2025 का संक्षिप्त विश्लेषण
जैसे ही 2025 का अंत नजदीक आ रहा है, 2026 की नई उम्मीदें और उमंगें लोगों के मन में हैं। इस वर्ष ने कुछ के लिए खुशियाँ लाईं, जबकि दूसरों के लिए यह दुखदायी साबित हुआ। कश्मीर, जिसे धरती का स्वर्ग कहा जाता है, के लिए यह वर्ष अत्यंत कठिन रहा। आतंकवादी हमलों, पाक गोलाबारी और बाढ़ ने कश्मीर को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
इस साल आतंकवादी गतिविधियों ने जम्मू-कश्मीर को हिलाकर रख दिया, जबकि बाढ़ ने कई लोगों को बेघर कर दिया। राज्य का दर्जा पुनः प्राप्त करने की कोशिशों को भी इस वर्ष कई झटके लगे।
पहलगाम में आतंकवादी हमला
22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला किया, जिसमें 26 लोगों की जान गई, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय निवासी शामिल थे। यह हमला इतना भयानक था कि लोगों की जिंदगी एक पल में समाप्त हो गई।

हिंदुओं को निशाना बनाना
जो लोग इस हमले से बच गए, उन्होंने आरोप लगाया कि आतंकियों ने विशेष रूप से हिंदुओं को निशाना बनाया। हमलावरों ने उन्हें कलमा पढ़ने के लिए कहा, और जब वे ऐसा नहीं कर सके, तो उन पर गोलियां चलाई गई।

आतंक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
इस हमले ने देश में आक्रोश फैलाया और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा दिया। घाटी में 35 वर्षों में पहली बार इस हमले की निंदा के लिए व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। मुसलमानों ने भी आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

ऑपरेशन सिंदूर का आरंभ
7 मई को भारतीय सेना ने पहलगाम में हुए नरसंहार का प्रतिशोध लेने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया। इस ऑपरेशन के तहत सीमा पार हमले किए गए, जिससे आतंकियों के ठिकाने नष्ट हो गए।

कश्मीर में प्राकृतिक आपदाएँ
14 अगस्त को किश्तवाड़ में बादल फटने से 50 से अधिक लोगों की जान चली गई। बाढ़ ने कई क्षेत्रों में फसलों को नुकसान पहुँचाया और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को भी प्रभावित किया।

दिल्ली में बम विस्फोट
10 नवंबर को दिल्ली में लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास एक कार में विस्फोट हुआ, जिसमें कई लोग मारे गए। इस हमले में शामिल डॉक्टर का संबंध जम्मू-कश्मीर से था।

पर्यटन पर प्रभाव
कश्मीर में हिंसा और प्राकृतिक आपदाओं ने पर्यटन को गंभीर रूप से प्रभावित किया। पहले चार महीनों में पर्यटकों की भीड़ थी, लेकिन 22 अप्रैल के हमले के बाद स्थिति बदल गई।

