19 वर्षीय युवती की 67 वर्षीय व्यक्ति से शादी, हाई कोर्ट में सुरक्षा की मांग

हरियाणा में एक 19 वर्षीय युवती ने 67 वर्षीय व्यक्ति से शादी कर ली, जिसके बाद उनके परिवार ने विरोध किया। जान का खतरा महसूस करते हुए, इस जोड़े ने हाई कोर्ट में सुरक्षा की मांग की। कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। जानें इस अनोखे प्रेम कहानी का पूरा विवरण और कोर्ट का निर्णय क्या होगा।
 | 
19 वर्षीय युवती की 67 वर्षीय व्यक्ति से शादी, हाई कोर्ट में सुरक्षा की मांग

अनोखी प्रेम कहानी का कोर्ट में मामला

19 वर्षीय युवती की 67 वर्षीय व्यक्ति से शादी, हाई कोर्ट में सुरक्षा की मांग


एक 19 वर्षीय युवती ने 67 वर्षीय व्यक्ति से प्रेम कर लिया और बिना किसी देरी के निकाह कर लिया। हालांकि, उनके परिवार ने इस रिश्ते का विरोध किया। इस जोड़े ने अपनी जान को खतरा बताते हुए न्यायालय से सुरक्षा की गुहार लगाई और एक याचिका दायर की। हरियाणा में घटित इस घटना ने सभी को चौंका दिया।


जानकारी के अनुसार, युवती का प्रेमी एक किसान है। जब लड़की के परिवार को इस रिश्ते का पता चला, तो उन्होंने इसका विरोध किया और युवती को समझाने की कोशिश की। लेकिन युवती ने अपने प्रेमी के साथ रहने का निर्णय लिया और दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद, उन्हें जान का खतरा महसूस हुआ, जिसके चलते वे हाई कोर्ट पहुंचे।


हाई कोर्ट में प्रस्तुत आधार कार्ड के अनुसार, पुरुष का जन्म 1 जनवरी 1953 को हुआ था, जबकि युवती का जन्म 10 दिसंबर 2001 को हुआ। युवक खेती से 15,000 रुपये प्रति माह कमाता है। याचिका में दोनों ने कहा कि वे पति-पत्नी की तरह रह रहे हैं। युवती ने कोर्ट में अपने पति के रूप में पुरुष का नाम दर्ज कराया है।


युवती ने बताया कि उसके परिवार के लोग प्रभावशाली हैं और उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इसलिए, उन्होंने हाई कोर्ट से सुरक्षा की मांग की। दोनों ने निकाह का प्रमाण पत्र भी पेश किया, जिसमें सभी गवाह और मेहर के रूप में 15 ग्राम सोना दिया गया था।


हाई कोर्ट के जज ने इस मामले को लेकर संदेह व्यक्त किया और कहा कि यह समझ से परे है कि एक 19 वर्षीय लड़की 67 वर्षीय व्यक्ति से विवाह कर सकती है। जज ने पलवल के एसपी को निर्देश दिया कि एक टीम का गठन किया जाए, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हों, ताकि युवती को सुरक्षा प्रदान की जा सके।


जज ने यह भी आदेश दिया कि युवती को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाए और उसका बयान दर्ज किया जाए। इसके बाद, एसपी को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट में रिपोर्ट पेश होने के बाद जज इस मामले पर निर्णय सुनाएंगे।