13 वर्षीय लड़की ने साध्वी बनने का लिया संकल्प, परिवार ने किया समर्थन

महाकुंभ में साध्वी बनने की इच्छा
आगरा की एक 13 वर्षीय लड़की, जो पहले IAS अधिकारी बनने का सपना देखती थी, ने महाकुंभ मेले में साध्वी बनने की इच्छा व्यक्त की। उसके माता-पिता ने इसे ईश्वरीय संकेत मानते हुए उसे जूना अखाड़े को सौंप दिया।
किशोरी की मां, रीमा सिंह ने बताया कि महाकुंभ के दौरान उनकी बेटी को सांसारिक जीवन से विरक्ति का अनुभव हुआ।
जूना अखाड़े में शामिल होने की प्रक्रिया
रीमा ने बताया कि जूना अखाड़े के महंत कौशल गिरी महाराज पिछले तीन वर्षों से उनके गांव में भागवत कथा का आयोजन कर रहे हैं। एक कथा के दौरान, उनकी बेटी राखी ने गुरु दीक्षा ली। उन्होंने कहा कि महंत ने उन्हें महाकुंभ शिविर में सेवा करने के लिए आमंत्रित किया था।
रीमा ने कहा, 'एक दिन राखी ने साध्वी बनने की इच्छा जताई। इसे भगवान की इच्छा मानते हुए हमने कोई आपत्ति नहीं की।' इस परिवार ने अपनी बेटियों की शिक्षा के लिए आगरा में एक घर किराए पर लिया है।
गौरी गिरि के नाम से जानी जाएगी
रीमा ने बताया कि राखी का सपना IAS बनने का था, लेकिन महाकुंभ के दौरान उसे वैराग्य का अनुभव हुआ। महंत कौशल गिरी ने कहा कि परिवार ने स्वेच्छा से अपनी बेटी को आश्रम को दान कर दिया। अब वह गौरी गिरि के नाम से जानी जाएगी।
19 जनवरी को पिंडदान समारोह
रीमा ने अपनी बेटी को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'एक मां के रूप में, मुझे हमेशा इस बात की चिंता रहेगी कि वह कहां और कैसी है।' अखाड़े के एक संत ने बताया कि गौरी का पिंडदान और अन्य धार्मिक समारोह 19 जनवरी को आयोजित किए जाएंगे, जिसके बाद वह औपचारिक रूप से गुरु के परिवार का हिस्सा बन जाएगी।