सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि: निवेशकों के लिए क्या करें?
सोने और चांदी की कीमतों में उछाल
नई दिल्ली। सोने और चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे निवेशकों और आम लोगों में चिंता बढ़ गई है। इनकी कीमतें हर दिन नई ऊंचाइयों को छू रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में इनकी कीमतें और भी बढ़ेंगी। कीमती धातुओं की कीमतें लगातार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच रही हैं।
शुक्रवार को एमसीएक्स पर चांदी की कीमत में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। कमोडिटी मार्केट में कारोबार समाप्त होने तक 5 मार्च के वायदा के लिए 1 किलो चांदी की कीमत 17145 रुपये बढ़कर 2,40,935 रुपये हो गई। दिन के दौरान चांदी की कीमत 19,000 रुपये बढ़कर 2,42,000 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई, जो इसका अब तक का उच्चतम स्तर है।
सोने की कीमत में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई। MCX पर 5 फरवरी के वायदा के लिए 10 ग्राम सोने की कीमत 70 रुपये बढ़कर 139940 रुपये हो गई, जबकि दिन के कारोबार में सोने की कीमत में लगभग 1200 रुपये की वृद्धि हुई। सोने ने भी अपने उच्चतम स्तर को छुआ।
पिछले सप्ताह में सोने और चांदी की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे ये आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गई हैं। 19 दिसंबर को 10 ग्राम सोने की कीमत 1,34,196 रुपये थी, जो अब लगभग 1.40 लाख रुपये हो गई है। इस प्रकार, एक सप्ताह में इसकी कीमत में 6000 रुपये की वृद्धि हुई है। चांदी की कीमत में भी इसी अवधि में 32,000 रुपये की वृद्धि हुई है।
सोने और चांदी की कीमतों में तेजी के कारण क्या हैं?
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने और चांदी की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं, जिससे घरेलू बाजार में भी इनकी कीमतें बढ़ रही हैं। गोल्ड और सिल्वर ETF में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बाजार में गिरावट के बीच लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने और चांदी की ओर बढ़ रहे हैं।
डॉलर की कमजोरी और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण सोने और चांदी की मांग बढ़ रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में चांदी की मांग में तेजी आई है, जिससे औद्योगिक मांग बढ़ी है। राजनीतिक तनाव और संघर्ष के कारण भी निवेशक सोने और चांदी की अधिक खरीदारी कर रहे हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा भी कीमती धातुओं की अधिक खरीदारी की जा रही है, जिससे इनकी मांग बनी हुई है और कीमतें बढ़ रही हैं।
क्या करना चाहिए?
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने और चांदी की मांग बनी रहेगी, लेकिन शॉर्ट टर्म में मुनाफावसूली की संभावना है। निवेशकों को सावधानी से निवेश करना चाहिए। वे सलाह देते हैं कि गोल्ड और सिल्वर को फिजिकल रूप में न खरीदकर, ETF के माध्यम से हर हफ्ते या महीने में खरीदें, जिससे धीरे-धीरे बड़ा निवेश किया जा सके। लॉन्ग टर्म में यह अधिक लाभकारी हो सकता है.
