सैफ़ अली ख़ान पर हमले के आरोपी के पिता का बयान: CCTV फुटेज में दिख रहा व्यक्ति मेरा बेटा नहीं

सैफ़ अली ख़ान पर हुए हमले के आरोपी शरीफ़ुल इस्लाम के पिता ने दावा किया है कि गिरफ्तार व्यक्ति उनका बेटा नहीं है। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे व्यक्ति की पहचान को लेकर सवाल उठाए हैं। रूहुल अमीन फ़कीर ने बताया कि उनके बेटे ने भारत में काम किया था और वह राजनीतिक कारणों से देश छोड़ने को मजबूर हुआ। जानें इस मामले में और क्या जानकारी सामने आई है।
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सैफ़ अली ख़ान पर हमले के आरोपी के पिता का बयान: CCTV फुटेज में दिख रहा व्यक्ति मेरा बेटा नहीं

पिता का दावा

सैफ़ अली ख़ान पर 16 जनवरी को तड़के उनके बांद्रा स्थित घर पर हमला हुआ था.


रूहुल अमीन फ़कीर, आरोपी के पिता, ने कहा है कि गिरफ्तार व्यक्ति उनका बेटा है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में जो दिख रहा है, वह उनका बेटा नहीं है।


उनका कहना है कि फुटेज में नजर आने वाला व्यक्ति और गिरफ्तार आरोपी अलग हैं। रूहुल अमीन फ़कीर के परिवार में उनकी पत्नी और तीन बेटे हैं।


शरीफ़ुल इस्लाम, उनके मंझले बेटे, के साथ रूहुल ने बीबीसी बांग्ला को बताया कि उन्होंने शुक्रवार की शाम को आखिरी बार बात की थी।


रूहुल ने कहा, "मैं फोन पर ज्यादा बात नहीं करता। बच्चों से बात करते समय यही पूछता हूं कि कैसे हो?" उन्हें अपने बेटे की गिरफ्तारी की खबर टीवी और फेसबुक के जरिए मिली।


उन्होंने कहा, "फुटेज में जो व्यक्ति था, वह मेरे बेटे जैसा नहीं दिखता। पुलिस ने मेरे बेटे को गिरफ्तार किया, लेकिन तस्वीर में जो व्यक्ति है, वह अलग है।"


अभियुक्त के पिता का बयान

रूहुल ने अपने 30 वर्षीय बेटे के बारे में बताया, "वह बचपन से लंबे बाल रखता था और उन्हें पीछे की ओर झाड़ता था।"


उन्होंने कहा, "फुटेज में दिख रहे व्यक्ति के बाल आंखों की भौहों तक हैं, और चेहरे में भी कोई समानता नहीं है।"


उनका मानना है कि शायद किसी अन्य व्यक्ति की गलतफहमी के कारण उनके बेटे पर हमला करने का आरोप लगाया गया है।


रूहुल ने कहा कि करीब छह से सात महीने पहले भारत जाकर उनके गांव के किसी लड़के के लिए ऐसा करना संभव नहीं है।


उन्होंने कहा, "सैफ़ अली ख़ान, शाहरुख़ ख़ान और सलमान ख़ान जैसे बड़े लोगों के करीब पहुंचना मुश्किल है।"


शरीफ़ुल का भारत जाना

सैफ़ अली ख़ान पर हमले के आरोपी के पिता का बयान: CCTV फुटेज में दिख रहा व्यक्ति मेरा बेटा नहीं
सैफ़ जब अस्पताल में भर्ती थे तब उनका हालचाल जानने उनकी मां शर्मिला टैगोर और बहन सोहा अली ख़ान अस्पताल पहुंची थीं 


रूहुल ने बताया कि शरीफ़ुल ने पिछले साल मार्च-अप्रैल में भारत जाने का निर्णय लिया।


उन्होंने कहा, "उनके खिलाफ कुछ मामले चल रहे थे। मैं अपने इलाके में यूनियन बीएनपी का अध्यक्ष हूं और शरीफ़ुल भी इसका सदस्य है।"


रूहुल ने कहा कि अवामी लीग के शासन के दौरान उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कई मामले दर्ज किए गए थे, जिसके कारण शरीफ़ुल ने देश छोड़ने का निर्णय लिया।


उन्होंने कहा कि शरीफ़ुल के भारत जाने की जानकारी परिवार को थी। क्या वह अवामी लीग सरकार के पतन के बाद स्वदेश लौटना चाहते थे? इस पर रूहुल ने 'नहीं' में उत्तर दिया।


उन्होंने कहा, "यह तय हुआ था कि शरीफ़ुल जरूरी दस्तावेज बनवाकर वहीं रहेंगे।"


सैफ़ पर हमला कब हुआ?

सैफ़ अली ख़ान पर हमले के आरोपी के पिता का बयान: CCTV फुटेज में दिख रहा व्यक्ति मेरा बेटा नहीं
शरीफ़ुल इस्लाम को 19 जनवरी को मुंबई पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.


16 जनवरी को एक हमलावर ने मुंबई के बांद्रा में सैफ़ अली ख़ान के घर में घुसकर उन पर चाकू से हमला किया, जिससे सैफ़ को गंभीर चोटें आईं।


इसके बाद, मुंबई पुलिस ने 19 जनवरी को एक जंगल से शरीफ़ुल इस्लाम को गिरफ्तार किया।


पुलिस ने उन्हें सैफ़ अली ख़ान पर हमले का आरोपी बताया और कहा कि वह बांग्लादेशी नागरिक हैं।


हालांकि, अदालत में पेश होने पर शरीफ़ुल के वकीलों ने कहा कि उनके बांग्लादेशी नागरिक होने का कोई सबूत नहीं मिला है।


एडवोकेट संदीप शेरखान ने कहा कि शरीफ़ुल कई वर्षों से अपने परिवार के साथ मुंबई में रह रहे हैं।


इसलिए यह आरोप निराधार है कि वह कुछ महीने पहले अवैध रूप से बांग्लादेश से भारत आए हैं।


शरीफ़ुल की पहचान और भारत में बांग्लादेश-विरोधी राजनीति पर विवाद जारी है।


कई लोग मुंबई पुलिस द्वारा शरीफ़ुल को तुरंत 'बांग्लादेशी घुसपैठिया' ठहराने पर संदेह कर रहे हैं।