सुप्रीम कोर्ट में जूता फेंकने की घटना पर सीजेआई गवई की प्रतिक्रिया

सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर द्वारा सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश ने हंगामा खड़ा कर दिया है। इस घटना पर सीजेआई ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि वह स्तब्ध हैं। जस्टिस उज्जल भुइयां ने भी इस हमले की निंदा की है। एससीबीए ने किशोर को गंभीर कदाचार का दोषी मानते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी है। पंजाब पुलिस ने इस मामले में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ कार्रवाई की है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें।
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सीजेआई गवई ने जूता फेंकने की घटना पर अपनी चुप्पी तोड़ी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में वकील राकेश किशोर द्वारा सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश के बाद हंगामा खड़ा हो गया। इस घटना पर सीजेआई गवई ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस घटना से बेहद स्तब्ध हैं। उन्होंने कहा, "सोमवार को जो हुआ, वह हमारे लिए एक भुला हुआ अध्याय है।"


बेंच में मौजूद जस्टिस उज्जल भुइयां ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा, "यह मजाक नहीं है। भारत के मुख्य न्यायाधीश का अपमान करना अस्वीकार्य है।"


इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) ने राकेश किशोर को गंभीर कदाचार का दोषी मानते हुए उनकी सदस्यता को तुरंत समाप्त कर दिया।


किशोर (71) ने प्रधान न्यायाधीश की ओर जूता फेंकने का प्रयास किया और चिल्लाते हुए कहा कि 'सनातन का अपमान नहीं सहेंगे।' पुलिस के अनुसार, वह पिछले महीने खजुराहो में एक याचिका पर सीजेआई की टिप्पणी से नाराज थे।


बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने किशोर का बार लाइसेंस तुरंत निलंबित कर दिया। एससीबीए ने उनके व्यवहार को न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला और सर्वोच्च न्यायालय की गरिमा का उल्लंघन बताया।


सीजेआई को निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री के खिलाफ पंजाब पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने 100 से अधिक सोशल मीडिया खातों के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की हैं।