सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किन खाद्य पदार्थों से बचें
सावन का महत्व और भगवान शिव की आराधना
हिंदू धर्म में सावन का महीना अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस वर्ष सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है। इस महीने के बाद भगवान विष्णु और अन्य देवी-देवता चार महीनों के लिए शयन में चले जाते हैं, जिससे शुभ कार्य नहीं होते। इस दौरान भगवान शिव धरती पर कार्यभार संभालते हैं। इसलिए, सावन में भगवान शिव की आराधना से सभी इच्छाएं पूरी होने की मान्यता है। इस महीने विशेष पूजा और व्रत का पालन भी किया जाता है।
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सावन में क्या न खाएं
सावन में कढ़ी का सेवन न करें

सावन के महीने में कई नियमों का पालन करना आवश्यक है। यदि इनका पालन नहीं किया गया, तो महादेव नाराज हो सकते हैं। कहा जाता है कि इस दौरान साग और कढ़ी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे अशुभ परिणाम हो सकते हैं। कढ़ी बनाने में दही का उपयोग होता है, जो दूध से बनता है। इसलिए, सावन में कढ़ी का सेवन वर्जित है।
सावन में किन चीजों से बचें
प्रकृति के प्रति श्रद्धा

मान्यता है कि भगवान शिव को प्रकृति से गहरा प्रेम है। इस दौरान साग-सब्जी तोड़ना मना होता है, इसलिए इनका सेवन नहीं किया जाता। वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी सावन में कढ़ी का सेवन न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बारिश के मौसम में पाचन तंत्र कमजोर हो जाता है।
सावन में सात्विक भोजन का महत्व
सात्विक भोजन का सेवन करें

शास्त्रों में कहा गया है कि सावन में केवल सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। इस दौरान महादेव को मखाने की खीर का भोग अर्पित करना चाहिए, जो उनका प्रिय भोग है। भगवान शिव को बेल पत्र अर्पित करना भी आवश्यक है। इसके अलावा, सावन में तामसिक भोजन से बचना चाहिए।
सावन में पूजा के नियम
पूजा में सावधानी बरतें

इस बार सावन की शुरुआत सोमवार से हो रही है, जो प्रीति योग के साथ है। यह योग पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रूप से अनुकूल है।