साँप के डंक से बचाव के उपाय: जानें कैसे करें प्राथमिक सहायता

साँपों की जानकारी
भारत में 550 प्रकार के साँप पाए जाते हैं, जिनमें से कुछ जैसे कोबरा, वाइपर और करैत शामिल हैं।
इन 550 प्रजातियों में से केवल 10 साँप ही जहरीले हैं, जबकि बाकी सभी गैर-जहरीले हैं।
इसका अर्थ है कि 540 साँप ऐसे हैं जिनके काटने से कोई खतरा नहीं है। हालाँकि, साँप के काटने का डर इतना अधिक है कि कई लोग दिल का दौरा पड़ने से मर जाते हैं।
इसलिए, यह जानना महत्वपूर्ण है कि केवल 10 साँप ही वास्तव में खतरनाक हैं।
खतरनाक साँपों की पहचान
सबसे जहरीला साँप रसेल वाइपर है, इसके बाद करैत, वाइपर और किंग कोबरा आते हैं। यदि इनमें से कोई काट ले, तो मृत्यु की संभावना 99% होती है।
हालांकि, यदि आप सही तरीके से प्रतिक्रिया करें, तो आप पीड़ित की जान बचा सकते हैं।
जब साँप काटता है, तो उसके दांतों से जहर शरीर में प्रवेश करता है और यह दिल की ओर बढ़ता है। जहर पूरे शरीर में फैलने में लगभग 3 घंटे लगते हैं।
प्राथमिक सहायता के उपाय
यदि किसी को साँप ने काट लिया है, तो घर में मौजूद पुराना इंजेक्शन लें और उसकी सुई के पीछे वाले हिस्से को काटें।
फिर, जहाँ साँप ने काटा है, वहाँ सूजन और खून के निशान को पहचानें। इंजेक्शन को उस स्थान पर रखकर खींचें।
जब तक गहरा रंग का खून बाहर नहीं आता, तब तक खींचते रहें। यह संकेत है कि जहर बाहर आ रहा है।
इसके अलावा, होम्योपैथी में एक दवा है जिसका नाम NAJA है, जो साँप के जहर के खिलाफ प्रभावी है।
NAJA दवा का उपयोग
NAJA 200 की एक बोतल खरीदें और इसे घर में रखें। इसे रोगी की जीभ पर 1 बूंद रखें और 10 मिनट बाद फिर से 1 बूंद दें।
यह दवा साँप के जहर के प्रभाव को कम कर सकती है।
राजीव भाई का कहना है कि यह दवा एलोपैथी के इंजेक्शन से अधिक प्रभावी है।
निष्कर्ष
यदि किसी को साँप काट ले और आपके पास NAJA नहीं है, तो तुरंत इंजेक्शन का उपाय करें।
दवा और इंजेक्शन दोनों का उपयोग करना महत्वपूर्ण है।
यह जानकारी आपके या आपके किसी करीबी के जीवन में काम आ सकती है।