शामली मदरसे में किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला: नए खुलासे

शामली के गढ़ीपुख्ता क्षेत्र में एक मदरसे में किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना के नए खुलासे सामने आए हैं। मौलाना पर आरोप है कि उसने न केवल किशोरी के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी चचेरी बहनों को भी बाथरूम में बंद रखा। पीड़िता के परिवार ने इस मामले की जानकारी दी और मौलाना को सजा दिलाने की मांग की है। जमीअत हिमायतुल इस्लाम ने भी पीड़ित परिवार का समर्थन किया है। जानें पूरी कहानी और इस मामले की गंभीरता।
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शामली मदरसे में किशोरी के साथ दुष्कर्म का मामला: नए खुलासे

घटना का विवरण


शामली के गढ़ीपुख्ता क्षेत्र में एक मदरसे में किशोरी के साथ दुष्कर्म की घटना के बारे में नए तथ्य सामने आ रहे हैं। पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई रिपोर्ट और पुलिस को दिए गए बयान में खुलासा हुआ है कि मौलाना ने न केवल किशोरी के साथ दुष्कर्म किया, बल्कि उसकी दो चचेरी बहनों को भी एक घंटे तक बाथरूम में बंद रखा। इसके साथ ही, मौलाना ने उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी।


सहयोगियों पर आरोप

मदरसे में पढ़ाने वाली एक महिला और एक युवती पर भी मौलाना का सहयोग करने का आरोप लगाया गया है। इस मामले में मौलाना, महिला और युवती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है।


परिवार की प्रतिक्रिया

पीड़िता के पिता ने बताया कि उनकी बेटी और दो भतीजियां मदरसे में पढ़ाई कर रही थीं। 28 जुलाई को परिवार के सदस्य तीनों बेटियों से मिलने पहुंचे, जहां बेटियों ने इशारे में बताया कि मदरसे में कुछ गलत हो रहा है। जब परिवार ने बेटियों को ले जाने की कोशिश की, तो मदरसा संचालक ने उन्हें रोक दिया। इसके बाद परिवार ने करनाल जाकर अन्य रिश्तेदारों को इस मामले की जानकारी दी।


पीड़िता की स्थिति

किशोरी अभी भी इस घटना के सदमे से उबर नहीं पाई है। उसने कहा कि उसके साथ जो हुआ है, वह किसी और के साथ नहीं होना चाहिए। परिवार के सदस्यों ने बताया कि घटना के बाद से वह ठीक से खाना भी नहीं खा पा रही है।


पीड़िता के पिता ने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि जिस मदरसे में वह अपनी बेटी को शिक्षा देने के लिए भेज रहे थे, वहां उसे इस तरह का शिकार बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि चाहे जान चली जाए, लेकिन मौलाना को सजा दिलाकर रहेंगे।


समर्थन और कार्रवाई की मांग

जमीअत हिमायतुल इस्लाम के अध्यक्ष कारी अबरार जमाल ने कहा कि यह घटना बेहद शर्मनाक है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। उनका संगठन पीड़ित परिवार के साथ खड़ा है और धार्मिक स्थलों पर इस तरह की घटनाओं को रोकने की आवश्यकता है।