विट्ठल माल्या: भारत के शराब साम्राज्य के निर्माता की कहानी

विट्ठल माल्या, विजय माल्या के पिता, ने भारत का सबसे बड़ा शराब साम्राज्य स्थापित किया। उन्होंने शराब उद्योग में अपनी पहचान बनाई, जबकि खुद कभी शराब का सेवन नहीं किया। उनके व्यवसाय का दायरा यूनाइटेड ब्रुअरीज और किंगफिशर जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों तक फैला हुआ था। जानें कैसे उन्होंने अपने साम्राज्य का निर्माण किया और भारतीय बाजार में अपनी जगह बनाई।
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विट्ठल माल्या का व्यवसायिक सफर

विजय माल्या के पिता विट्ठल माल्या, जिन्हें 'मैन ऑफ गुड टाइम्स' के नाम से जाना जाता है, एक सफल व्यवसायी थे। उन्होंने शराब उद्योग पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक विशाल व्यापार साम्राज्य स्थापित किया। विट्ठल ने कभी शराब का सेवन नहीं किया, फिर भी उन्होंने भारत का सबसे बड़ा शराब साम्राज्य खड़ा किया। उन्होंने किसान, कैडबरी, बर्जर पेंट्स, हिंदुस्तान पॉलिमर्स, मैंगलोर फर्टिलाइजर्स, ब्रिटिश पेंट्स और मैसूर इलेक्ट्रो-केमिकल वर्क्स जैसी कंपनियों का नेतृत्व किया। विट्ठल माल्या को संघर्षरत कंपनियों को पुनर्जीवित करने में महारत हासिल थी। 1981 तक, उनके नियंत्रण में 10 ब्रुअरीज, 14 डिस्टिलरी, प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री, निवेश फर्म, पैकेजिंग इकाइयां, दवा निर्माता, कोल्ड ड्रिंक बॉटलिंग प्लांट और स्टाइरीन कंपनियां शामिल थीं।


व्यापार में विविधता

विट्ठल माल्या ने पेय, शराब और प्रोसेस्ड फूड इंडस्ट्री में एक प्रमुख नाम के रूप में पहचान बनाई। उनके व्यवसाय का दायरा यूनाइटेड ब्रुअरीज, मैकडॉवेल और कैरव जैसे ब्रांडों तक फैला हुआ था। किसान और डिपी जैसे प्रसिद्ध ब्रांडों के साथ स्क्वैश, जैम, केचप और नींबू के रस जैसे उत्पादों पर उनका लगभग एकाधिकार था।


सफलता की सीढ़ी

विट्ठल माल्या ने घरेलू कीटनाशक बाजार में 75 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की। उनका प्रभाव सिंगर सिलाई मशीन, कैडबरी चॉकलेट और अन्य उद्योगों तक फैला। उनके स्मार्ट निर्णय और रणनीतिक निवेश ने उनके साम्राज्य को 250 से 300 करोड़ रुपये तक पहुंचाया।


शुरुआत से साम्राज्य तक

विट्ठल माल्या ने छात्र जीवन में ही व्यवसाय शुरू किया। सेना के एक डॉक्टर के घर जन्मे माल्या ने दून स्कूल में पढ़ाई के दौरान अपने उद्यम की शुरुआत की। उन्होंने शेयर बाजार में निवेश करना शुरू किया और बड़े कारोबार के लिए कमाई की।


साम्राज्य का निर्माण

विट्ठल माल्या का व्यावसायिक उत्थान 1946-47 में शुरू हुआ जब उन्होंने यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड के शेयरों का अधिग्रहण किया। 1947 में उन्हें कंपनी का पहला भारतीय निदेशक चुना गया। इसके बाद उन्होंने तेजी से अपने साम्राज्य का विस्तार किया।


बीयर और शराब का बादशाह

1970 के दशक में जब शराबबंदी अभियान ने उद्योग को प्रभावित किया, तब माल्या ने अपनी दूरदर्शिता का परिचय देते हुए और अधिक शराब बनाने वाली कंपनियों का अधिग्रहण किया। इस कदम ने उन्हें बीयर और शराब के बादशाह बनने का अवसर दिया।


किंगफिशर का उदय

किंगफिशर, जो भारत की सबसे प्रसिद्ध बीयर है, यूनाइटेड ब्रुअरीज द्वारा निर्मित होती है। यह दशकों से भारतीय बाजार में राज कर रही है।


यूनाइटेड स्पिरिट्स का महत्व

यूनाइटेड स्पिरिट्स, जो व्हिस्की, रम, वोदका और ब्रांडी का उत्पादन करती है, पहले यूबी ग्रुप का हिस्सा थी। 2014 में, ब्रिटेन की शराब निर्माता कंपनी डियाजिओ ने इसमें बहुमत हिस्सेदारी हासिल की।