वास्तु शास्त्र: घर की दिशाओं का महत्व और सकारात्मक प्रभाव

वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की प्रत्येक दिशा का विशेष महत्व होता है, जो परिवार के सदस्यों के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव डालता है। जानें कि उत्तर-पूर्व दिशा को धन की देवी का आगमन स्थल क्यों माना जाता है और अन्य दिशाओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी। यह लेख आपको बताएगा कि कैसे घर की दिशाओं का ध्यान रखकर आप अपने जीवन में सुख और समृद्धि ला सकते हैं।
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वास्तु शास्त्र: घर की दिशाओं का महत्व और सकारात्मक प्रभाव

घर की दिशाओं का महत्व


वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर दिशा का विशेष महत्व होता है, जो परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति और वित्तीय स्थिति पर प्रभाव डालता है। कभी-कभी, घर में छोटे-मोटे वास्तु दोष उत्पन्न हो जाते हैं, जो निवासियों की आदतों का परिणाम होते हैं। ऐसे में, घर में अनचाहे विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। घर की उत्तर-पूर्व दिशा को धन की देवी का आगमन स्थल माना जाता है, इसलिए इस दिशा में भारी सामान या गंदगी नहीं होनी चाहिए।


दिशाओं के विशेष संकेत

वास्तु शास्त्र: घर की दिशाओं का महत्व और सकारात्मक प्रभाव


1. उत्तर-पश्चिम दिशा को भी धन का महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है। इस दिशा में हमेशा रोशनी होनी चाहिए, अन्यथा परिवार में कलह और धन की कमी बनी रहती है।


2. दक्षिण दिशा के स्वामी यमराज हैं, इसलिए इस दिशा में दरवाजे का होना उचित नहीं है। यदि घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में मुखिया का कमरा है, तो वह हमेशा परेशानियों का सामना करता है और उसके कार्य सफल नहीं होते।


3. उत्तर-पूर्व दिशा में रसोई होने से घर का बजट प्रभावित होता है, जिससे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है।