वाडीलाल ग्रुप का छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव
वाडीलाल ग्रुप का निवेश प्रस्ताव

वाडीलाल ग्रुप छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण इकाई स्थापित करेगा
वाडीलाल ग्रुप ने छत्तीसगढ़ में निवेश करने की इच्छा जताई है। अहमदाबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में, समूह के प्रबंध निदेशक देवांशु गांधी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और राज्य में आइसक्रीम, फ्रोजन फूड और अन्य खाद्य उत्पादों के निर्माण की इकाई स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।
गांधी ने बताया कि उनकी कंपनी पहले से ही पश्चिमी और उत्तरी भारत में सफलतापूर्वक काम कर रही है और अब वे पूर्वी भारत, विशेषकर छत्तीसगढ़ में अपने उत्पादन और वितरण नेटवर्क को बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। मुख्यमंत्री साय ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
छत्तीसगढ़ देश में कोयला उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। अहमदाबाद में आयोजित इस कार्यक्रम में राज्य को लगभग 33,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने थर्मल पावर प्लांट, ग्रीन स्टील मैन्युफैक्चरिंग, सोलर सेल, फार्मास्युटिकल उत्पाद और मेडिकल फूड सप्लीमेंट जैसे क्षेत्रों में प्रमुख कंपनियों को निवेश प्रस्ताव पत्र दिए।
इन निवेश प्रस्तावों से 14,532 से अधिक नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद से छत्तीसगढ़ को कुल 7.83 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और व्यापारिक नेताओं के साथ राज्य में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में थर्मल, हाइडल, सोलर और वन-आधारित उद्योगों की विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि नवा रायपुर को आईटी और एआई डेटा सेंटर हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की कंपनियों ने निवेश में रुचि दिखाई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने से हॉस्पिटैलिटी और वेलनेस सेक्टर में भी निवेश की नई संभावनाएं खुली हैं।
कार्यक्रम में सीएसआईडीसी के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, और सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक विश्वेश कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे गुजरात में आकर बहुत उत्साहित हैं, जहां उद्यमिता का एक अद्भुत माहौल है। उन्होंने कहा कि गुजरात और छत्तीसगढ़ मिलकर विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
निवेश में रुचि दिखाने वाली कंपनियाँ
लीजियम लाइफ साइंसेस प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी फार्मास्युटिकल उत्पाद और मेडिकल फूड सप्लीमेंट का निर्माण करती है और 101 करोड़ का निवेश प्रस्ताव रखा है, जिससे 750 रोजगार सृजित होंगे।
टोरेंट पाथर लिमिटेड, अहमदाबाद: इस कंपनी ने 22,900 करोड़ की लागत से 1,600 मेगावाट क्षमता का थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे छत्तीसगढ़ की ऊर्जा क्षमता को नई दिशा मिलेगी और लगभग 5,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।
टोरेंट फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड: इस कंपनी ने फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के लिए 200 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया है, जिससे 200 लोगों को रोजगार मिलेगा।
ओनिक्स श्री एनसोल प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया और ग्रीन स्टील मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करेगी, जिसमें 9,000 करोड़ का निवेश और 4,082 रोजगार सृजन का प्रस्ताव है।
माला किएशन प्राइवेट लिमिटेड, सूरत: यह कंपनी 2 गीगावाट क्षमता वाली सोलर सेल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाएगी, जिसके लिए 700 करोड़ का निवेश प्रस्तावित है, जिससे 500 लोगों को रोजगार मिलेगा।
मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल: इस अस्पताल की स्थापना के लिए 300 करोड़ का निवेश प्रस्तावित किया गया है, जो राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने में महत्वपूर्ण कदम होगा।
सफायर सेमीकम्प प्राइवेट लिमिटेड: यह कंपनी सेमीकंडक्टर निर्माण के क्षेत्र में 120 करोड़ का निवेश करेगी, जिससे लगभग 4,000 रोजगार अवसर सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले 22 महीनों में 350 से अधिक सुधार किए हैं, जिससे उद्योग स्थापित करना और अधिक सुगम हुआ है। राज्य में सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से आवश्यक अनुमतियां अब त्वरित रूप से जारी की जा रही हैं।
