राजस्थान में बच्चों की मौत: स्वास्थ्य मंत्री का विवादास्पद बयान

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने हाल ही में कफ सिरप से बच्चों की मौतों के मामले में विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ये मौतें एडल्ट डोज के कारण हुई हैं और सरकार ने इस पर नियंत्रण पा लिया है। इस बीच, स्वास्थ्य विभाग ने दवा के वितरण पर रोक लगा दी है। जानें इस मामले में और क्या हो रहा है और डॉक्टरों की सलाह क्या है।
 | 

स्वास्थ्य मंत्री का बयान

राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने हाल ही में बच्चों की मौतों के मामले में एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये मौतें कफ सिरप के एडल्ट डोज के कारण हुई हैं। खींवसर ने कहा कि इतनी बड़ी जनसंख्या में केवल तीन बच्चों की मौत पर नियंत्रण पाना एक सकारात्मक बात है। उन्होंने यह भी बताया कि इसके बाद कोई और मौत नहीं हुई, इसलिए इसे बड़ा मुद्दा नहीं माना जाना चाहिए।


दवा कंपनी पर कार्रवाई

मंत्री ने यह भी कहा कि दवा कंपनी को क्लीन चिट नहीं दी गई है, लेकिन जो सैंपल लिए गए थे, वे जांच में पास हुए हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या कंपनी पर बैन लगाया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी नहीं चाहती कि उनकी दवा से लोग प्रभावित हों। हालांकि, 42 सैंपल फेल होने के मामले में उन्होंने बताया कि ये अलग-अलग दवाओं के सैंपल थे।


बच्चों की मौतों की संख्या बढ़ी

राजस्थान में खांसी की दवा के कारण अब तक चार बच्चों की मौत की सूचना मिली है। इनमें से दो भरतपुर, एक चुरू और एक सीकर के श्रीमाधोपुर से हैं। चुरू में एक 6 साल के बच्चे की मौत के बाद परिजनों ने सरकारी अस्पताल द्वारा दी गई कफ सिरप पर सवाल उठाए हैं।


कोल्ड्रिफ सिरप का खतरा

कफ सिरप, विशेषकर 'कोल्ड्रिफ', के सेवन से कई बच्चों की जान गई है। यह सिरप किडनी फेलियर का कारण बन रहा है, क्योंकि इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल जैसे विषैले तत्वों की अधिकता पाई गई है। केंद्र सरकार ने कई राज्यों में इसकी जांच शुरू कर दी है और प्रभावित राज्यों ने इस सिरप पर प्रतिबंध लगा दिया है।


डॉक्टरों की सलाह

डॉक्टरों ने 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने की सलाह दी है। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने दवा के वितरण पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।


वीडियो रिपोर्ट