मूत्र के रंग से जानें अपनी सेहत का हाल

मूत्र के रंग और सेहत का संबंध
आज हम आपको मूत्र के विभिन्न रंगों के बारे में जानकारी देंगे और बताएंगे कि ये रंग आपकी सेहत के बारे में क्या संकेत देते हैं। क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि मूत्र का रंग हमेशा एक जैसा नहीं होता? यह समय-समय पर बदलता रहता है।
मूत्र का यह बदलता रंग आपकी सेहत के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। कभी-कभी यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है, तो कभी यह अच्छी सेहत का भी संकेत देता है। आइए जानते हैं मूत्र के रंग से सेहत का हाल कैसे पता करें।
इन 9 मूत्र के रंग से सेहत का हाल पता करें
पिंक या रक्तवर्ण: यदि आपने हाल ही में चुकंदर या रेवाचीनी का सेवन किया है, तो चिंता की बात नहीं है। लेकिन अगर आपने ऐसा कुछ नहीं खाया है, तो यह गंभीर हो सकता है। यह रंग मूत्र में खून की उपस्थिति का संकेत हो सकता है, जो किडनी, प्रोस्टेट या ट्यूमर की समस्या का संकेत है। तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बहुत हलका पीला रंग: आप पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
पारदर्शी पीला: आपकी सेहत सामान्य है।
गहरा पीला: यह सामान्य है, लेकिन आपको तुरंत पानी पीना चाहिए। आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
हल्का लाल या शहद के रंग का: आपके शरीर में पानी की कमी हो गई है। जल्दी से पानी पीजिए।
सिरप या ब्राउन: यह लीवर की समस्या का संकेत हो सकता है। डॉक्टर से संपर्क करें।
बेरंग या पारदर्शी: आप अत्यधिक पानी पी रहे हैं, पानी की मात्रा को थोड़ा कम करें।
हरा रंग: यह एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी का संकेत हो सकता है, लेकिन यह किसी दवा या खाद्य पदार्थ के कारण भी हो सकता है। यदि यह कुछ दिनों तक बना रहता है, तो डॉक्टर से मिलें।
ज्यादा मात्रा में सफेद झाग: थोड़े झाग सामान्य होते हैं, लेकिन यदि यह अधिक है, तो यह आपके आहार में अधिक प्रोटीन का संकेत हो सकता है।
पेशाब की बदबू के कारण
अधिक मसालेदार भोजन या प्याज, लहसुन का अधिक सेवन करने से पेशाब में बदबू आ सकती है। यदि आप शराब का सेवन करते हैं, तो इसकी गंध आपके मूत्र में आ सकती है।
शरीर में पानी की कमी, जिसे डिहाइड्रेशन भी कहा जाता है, भी पेशाब की बदबू का कारण बन सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए।
आपके द्वारा पीने वाले पानी की मात्रा का पता मूत्र के रंग से लगाया जा सकता है। यदि मूत्र का रंग सामान्य है, तो आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं। लेकिन यदि मूत्र का रंग पीला है और बदबूदार है, तो यह पानी की कमी का संकेत है।
डायबिटीज के कारण भी मूत्र में बदबू आ सकती है, जो किडनी से अधिक मात्रा में शुगर के स्राव के कारण होती है। यह मधुमेह का संकेत हो सकता है, जिसे तुरंत उपचार की आवश्यकता होती है।
महिलाओं में गर्भावस्था के कारण भी मूत्र में बदलाव आ सकता है, इसलिए प्रेग्नेंसी की जांच कराना आवश्यक है।
महिलाओं द्वारा गुप्तांगों की सफाई न करने से इंफेक्शन हो सकता है, जो आगे चलकर ओवेरियन कैंसर का रूप ले सकता है।
महिलाओं में ब्लैडर इंफेक्शन से पेशाब करते समय जलन और बदबू हो सकती है।