मुर्गी या अंडा: कौन पहले आया? जानें विज्ञान की नजर में

मुर्गी और अंडे का पुराना सवाल
दुनिया के सबसे पुराने और जटिल सवालों में से एक है मुर्गी और अंडे का सवाल। यह जानना कि पहले कौन आया, मुर्गी या अंडा, एक दार्शनिक बहस बन चुका है। यदि आप कहते हैं कि मुर्गी पहले आई, तो वह किसी अंडे से ही आई होगी। और यदि आप अंडे को पहले मानते हैं, तो वह अंडा किसी मुर्गी द्वारा ही दिया गया होगा। इस प्रकार, यह सवाल एक अंतहीन चक्र में फंस जाता है।
यह सवाल यूनानी सभ्यता के समय से ही चर्चा का विषय रहा है। दार्शनिक अरस्तु ने भी इस पर विचार किया था और निष्कर्ष निकाला कि इसका कोई निश्चित मूल नहीं है। लेकिन क्या विज्ञान इस सवाल का उत्तर दे सकता है?
मुर्गी एक पक्षी की प्रजाति है, जो उड़ने में सक्षम नहीं होती। आज के पालतू मुर्गे जंगली पक्षियों के वंशज हैं, जिनका नाम जंगलफॉल है। एक अध्ययन के अनुसार, आज के मुर्गों का 71-79% DNA रेड जंगलफॉल से मेल खाता है। लगभग 8000 साल पहले इनका पालतूकरण शुरू हुआ।
अंडा एक संरचना है जिसमें भ्रूण होता है। अंडों का अस्तित्व बहुत पुराना है, और जब मुर्गी जैसी कोई प्रजाति नहीं थी, तब भी अंडे मौजूद थे। डायनासोर भी अंडे देते थे, और वैज्ञानिक फॉसिल के माध्यम से इनकी उम्र का अनुमान लगाते हैं।
डायनासोर के अंडों के सबसे पुराने फॉसिल लगभग 19 करोड़ साल पुराने हैं। इसका मतलब है कि अंडे मुर्गियों से पहले के हैं।
इस प्रकार, अंडे मुर्गी से पहले आए। लेकिन यदि हम मुर्गी के अंडे की बात करें, तो हमें इवॉल्यूशन के सिद्धांत की ओर देखना होगा। चार्ल्स डार्विन ने इवॉल्यूशन का सिद्धांत प्रस्तुत किया, जिसमें जीवों में समय के साथ बदलाव आते हैं।
मुर्गियों के पूर्वज जंगलफॉल हैं, और कई पीढ़ियों के इवॉल्यूशन के बाद पहली मुर्गी का जन्म हुआ। इस प्रक्रिया में म्यूटेशन भी शामिल होते हैं। जब दो प्रोटो-चिकन ने मिलकर एक अंडा दिया, तो उसमें कुछ म्यूटेशन हुए और पहली मुर्गी का जन्म हुआ।
हालांकि, इस अंडे की परिभाषा पर बहस जारी है। क्या वह अंडा मुर्गी का अंडा कहलाएगा या प्रोटो-चिकन का? यह सवाल अब भी अनसुलझा है।