महिंद्रा ने मारुति को चुनौती दी, 2025 में कार बिक्री में बड़ा बदलाव

साल 2025 में भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में एक बड़ा बदलाव आया है, जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बिक्री के चार्ट में उल्लेखनीय वृद्धि की है। महिंद्रा ने हुंडई और टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनने का गौरव हासिल किया है। इस सफलता के पीछे महिंद्रा की रणनीति और मजबूत SUV पोर्टफोलियो है। जानें कैसे महिंद्रा ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी अपनी स्थिति मजबूत की है और भारतीय ग्राहकों की पसंद में बदलाव आया है।
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2025 में भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग में बदलाव

साल 2025 भारतीय ऑटोमोबाइल क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में देखा जा रहा है। जहां मारुति सुजुकी ने अपनी स्थिति को बनाए रखा है, वहीं महिंद्रा एंड महिंद्रा ने बिक्री के चार्ट में उल्लेखनीय वृद्धि की है। महिंद्रा ने हुंडई और टाटा मोटर्स को पीछे छोड़ते हुए देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बनने का गौरव हासिल किया है। यह पहली बार है जब एक भारतीय कंपनी, जो केवल SUV बनाती है, ने हैचबैक और सेडान बनाने वाली कंपनियों को मात दी है.


सरकारी आंकड़ों के अनुसार बिक्री

सरकारी वाहन पोर्टल के 25 दिसंबर 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार, महिंद्रा ने 5.81 लाख यूनिट्स की बिक्री की। इसके मुकाबले टाटा मोटर्स ने 5.52 लाख यूनिट्स और हुंडई ने 5.50 लाख यूनिट्स की बिक्री की। मार्केट लीडर के रूप में, मारुति सुजुकी ने 17.50 लाख यूनिट्स की बिक्री के साथ अपनी शीर्ष स्थिति बनाए रखी है.


महिंद्रा की सफलता का रहस्य

महिंद्रा की सफलता का मुख्य कारण उसकी रणनीति और मजबूत SUV पोर्टफोलियो है। Scorpio-N, Scorpio Classic और Thar Roxx जैसे मॉडल ने ग्राहकों के बीच अपनी पहचान बनाई है। इन गाड़ियों की उच्च मांग ने महिंद्रा को प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ मजबूती प्रदान की है.


इलेक्ट्रिक गाड़ियों में महिंद्रा की बढ़त

महिंद्रा ने पारंपरिक इंजन के साथ-साथ इलेक्ट्रिक गाड़ियों में भी अपनी स्थिति मजबूत की है। 2025 की शुरुआत में लॉन्च हुई BE 6e और XEV 9e ने इलेक्ट्रिक बाजार में धूम मचाई, और कुछ महीनों में 38,000 से अधिक यूनिट्स बेचीं। इसके बाद नवंबर 2025 में आई 7-सीटर इलेक्ट्रिक SUV, XEV 9S ने प्रीमियम फीचर्स के साथ महिंद्रा की स्थिति को और मजबूत किया.


टाटा और हुंडई की प्रतिस्पर्धा

टाटा मोटर्स ने साल की अंतिम तिमाही में Curvv और नई Nexon के माध्यम से वापसी की कोशिश की और 5.52 लाख यूनिट्स के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। हालांकि, महिंद्रा की बढ़त ने पेट्रोल-डीजल सेगमेंट में टाटा के दबदबे को प्रभावित किया। हुंडई 5.50 लाख यूनिट्स के साथ चौथे स्थान पर रही। यह स्पष्ट है कि भारतीय ग्राहक अब बड़ी और बोल्ड गाड़ियों की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं.