मध्य प्रदेश के मदरसों में धर्मांतरण विवाद: NHRC ने मांगी रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के मदरसों में विवाद
मध्य प्रदेश में मदरसों के संबंध में एक गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने राज्य के 27 मदरसों में 556 हिंदू बच्चों के कथित धर्मांतरण के मामले पर राज्य सरकार से 15 दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। शिकायत में यह आरोप लगाया गया है कि कई मदरसों में गैर-मुस्लिम बच्चों को उनके अभिभावकों की अनुमति के बिना कुरान और हदीस पढ़ाई जा रही है, जिसे धर्मांतरण से जोड़ा गया है।
मदरसों की संख्या और संचालन
राज्य में लगभग 27 हजार मदरसों में 5.56 लाख से अधिक बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें गैर-मुस्लिम बच्चों की संख्या भी उल्लेखनीय है। NHRC का कहना है कि अधिकांश मदरसे बिना सरकारी अनुमति के चलाए जा रहे हैं। भोपाल, होशंगाबाद, जबलपुर, झाबुआ, धार, बड़वानी, खंडवा, खरगोन और परासिया जिलों के कई मदरसों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है।
गैर-मुस्लिम बच्चों का दाखिला
NHRC ने यह सवाल उठाया है कि गैर-मुस्लिम बच्चों को इन मदरसों में दाखिला कैसे मिल रहा है, जबकि किशोर न्याय अधिनियम 2015 और संविधान के अनुच्छेद 28(3) के तहत बिना अनुमति धार्मिक शिक्षा देना प्रतिबंधित है। आयोग ने सरकार को निर्देश दिया है कि ऐसे बच्चों को तुरंत हटाया जाए और बिना मंजूरी चल रहे मदरसों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
बीजेपी का सख्त रुख
इस मामले पर बीजेपी नेता रामेश्वर शर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मध्य प्रदेश में धर्मांतरण कराने वाले मदरसों को नहीं चलने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऐसे मदरसों पर ताले लगाए जाएंगे और कलेक्टर तथा डीईओ को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। शर्मा ने कहा कि बच्चों का धर्मांतरण किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर NHRC के सदस्य प्रियंक कानूनगो पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने कहा है कि प्रियंक कानूनगो की गतिविधियों की जांच होनी चाहिए, क्योंकि वे सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
धर्मांतरण का आरोप
राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को 26 सितंबर को एक शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें मध्य प्रदेश के मदरसों में हिंदू बच्चों के धर्मांतरण का आरोप लगाया गया था। शिकायत में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित 27 मदरसे इस कथित रैकेट में शामिल हैं, जिनमें 556 हिंदू बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है।