मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0: मुख्यमंत्री ने निवेश के नए अवसरों की घोषणा की
मुख्यमंत्री का उद्घाटन भाषण

गुरुवार को इंदौर के ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित 'मध्यप्रदेश टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0' का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसे केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश के भविष्य का एक महत्वपूर्ण घोषणा पत्र बताया।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में, मुख्यमंत्री ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ वन-टू-वन बैठकों में भाग लेकर नए निवेश और सहयोग के अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस कॉन्क्लेव के माध्यम से 65 गतिविधियों के परिणामस्वरूप 15,896 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे 64,000 से अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। राज्य सरकार ने तकनीकी क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कई एमओयू भी किए हैं।
तकनीकी क्षेत्र का विस्तार
बढ़ रहा तकनीकी क्षेत्र का दायरा
कॉन्क्लेव के दौरान, एमएचडीएसईडीसी की नई इकाइयों का उद्घाटन और नई परियोजनाओं का भूमिपूजन भी किया गया। निवेशकों को आवंटन पत्र सीधे प्रदान किए गए और उद्योगों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मुख्यमंत्री ने बताया कि इंदौर में कई ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर संचालित हो रहे हैं, जो आईटी, फिनटेक और हेल्थ टेक कंपनियों को आकर्षित कर रहे हैं।
इंदौर, उज्जैन, देवास और धार को जोड़ने वाले मेट्रोपॉलिटन प्लान में फिनटेक टेक्नोलॉजी जोन और साइंस सिटी की स्थापना की योजना है। मुख्यमंत्री ने 'मप्र अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी नौति 2025' का मसौदा भी पेश किया, जिसका उद्देश्य उज्जैन को एक उभरते अंतरिक्ष नवाचार केंद्र के रूप में विकसित करना है।
किसानों को मिली सहायता
किसानों के खातों में भावांतर के 233 करोड़ अंतरित
देवास में, मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अन्नदाता को दी गई एमएसपी की गारंटी के तहत सोयाबीन भावांतर योजना में 1.33 लाख 33 हजार किसानों के खातों में 233 करोड़ रुपये की राशि अंतरित की गई है। यह इस बात का प्रमाण है कि हमने जो कहा, उसे पूरा किया है। उन्होंने यह भी बताया कि मध्यप्रदेश किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिए भावांतर योजना लागू करने वाला देश का पहला राज्य है।
