भोपाल में तंदूर जलाने पर सख्ती, नगर निगम ने उठाए कदम

भोपाल में नगर निगम ने तंदूर और लकड़ी के अलाव पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया है, जिससे वायु प्रदूषण की स्थिति को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी होटल या रेस्टोरेंट में तंदूर जलता पाया गया, तो कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, निर्माण स्थलों पर भी अलाव जलाने पर रोक लगा दी गई है। निगम का कहना है कि यह कदम शहर की सेहत के लिए आवश्यक है। जानें इस नीति के पीछे के कारण और निगम की अपील के बारे में।
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तंदूर जलाने पर कड़ी कार्रवाई का ऐलान

भोपाल की ठंडी हवाओं में इस बार तंदूर की महक नहीं, बल्कि सख्ती का संकेत है। वायु प्रदूषण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है, जिसके चलते नगर निगम ने तंदूर और लकड़ी के अलाव पर सख्त नियंत्रण लगाने का निर्णय लिया है। यदि किसी होटल, रेस्टोरेंट या विवाह स्थल पर तंदूर जलता पाया गया, तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी।


तंदूर पर सख्ती का कारण

पिछले कुछ महीनों में शहर की वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही है। तंदूर और लकड़ी जलाने से निकलने वाला धुआं स्थिति को और भी गंभीर बना रहा है। निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने सभी जोनल और स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे निगरानी बढ़ाएं, नोटिस जारी करें और आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई करें।


निर्माण स्थलों पर भी अलाव पर रोक

निर्माण स्थलों पर मजदूर अक्सर ठंड से बचने के लिए लकड़ी का अलाव जलाते हैं। इस बार यह राहत भी समाप्त कर दी गई है। निगम ने स्पष्ट किया है कि यदि कहीं भी अलाव जलता पाया गया, चाहे वह निर्माण स्थल हो या व्यावसायिक स्थान, तो कार्रवाई की जाएगी।


निगम की अपील: सहयोग की आवश्यकता

नगर निगम का कहना है कि यह आदेश दंडात्मक नहीं है, बल्कि शहर की वायु गुणवत्ता को सुधारने के लिए है। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे तंदूर या लकड़ी का अलाव जलाने से बचें, क्योंकि यह प्रदूषण को बढ़ाता है। पिछले वर्षों में नगर निगम ने कई स्थानों पर अलाव की व्यवस्था की थी, लेकिन इस बार स्थिति बदल गई है। अब न तो अलाव की व्यवस्था होगी और न ही अलाव जलाने वालों को छूट मिलेगी। प्रदूषण के बढ़ते खतरे को देखते हुए यह कदम शहर की सेहत के लिए आवश्यक माना जा रहा है।


वैकल्पिक उपायों पर चर्चा

कई सामाजिक संगठनों का मानना है कि बेघर और बेसहारा लोगों के लिए वैकल्पिक उपायों की आवश्यकता है। जैसे नाइट शेल्टर की संख्या बढ़ाना या वहां बेहतर हीटिंग सिस्टम उपलब्ध कराना। नगर निगम भी इस दिशा में योजना बनाने की बात कर रहा है।