भारत में गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार: ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ईंधन की दिशा में कदम

भारत ने अपने प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार करते हुए 25,000 किलोमीटर से अधिक की लंबाई हासिल की है। यह कदम ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। सरकार की उज्ज्वला योजना के तहत लाखों परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए जा रहे हैं, जिससे प्रदूषण में कमी और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। जानें इस विकास के अन्य पहलुओं के बारे में।
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गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विकास

भारत ने अपने प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अनुसार, देश में चालू गैस पाइपलाइनों की कुल लंबाई अब 25,000 किलोमीटर से अधिक हो गई है। वर्तमान में, 25,429 किलोमीटर लंबी पाइपलाइनें कार्यरत हैं, जबकि 10,459 किलोमीटर नई पाइपलाइनों का निर्माण तेजी से जारी है। यह विकास भारत को एकीकृत राष्ट्रीय गैस ग्रिड की ओर ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.


ऊर्जा सुरक्षा और स्वच्छ ईंधन पर ध्यान

गैस पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार का मुख्य उद्देश्य देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना और सभी क्षेत्रों में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है। प्राकृतिक गैस कोयला और डीजल जैसे पारंपरिक ईंधनों की तुलना में अधिक स्वच्छ मानी जाती है। इसके व्यापक उपयोग से प्रदूषण में कमी आने की उम्मीद है, साथ ही औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.


वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ प्रणाली

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) ने गैस की ढुलाई को सरल और सस्ता बनाने के लिए वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ प्रणाली लागू की है। इसके तहत देश की लगभग 90 प्रतिशत गैस पाइपलाइन नेटवर्क में ट्रांसपोर्टेशन चार्ज समान होगा। इससे विभिन्न राज्यों में गैस की कीमतों में अंतर कम होगा और उद्योगों तथा उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा.


उज्ज्वला योजना के तहत हर घर तक गैस

सरकार की प्राथमिकता है कि हर परिवार तक स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन पहुंचे। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1 दिसंबर 2025 तक लगभग 10.35 करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए जा चुके हैं। योजना को पूरी तरह लागू करने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में 25 लाख अतिरिक्त एलपीजी कनेक्शन देने की मंजूरी दी है। आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाते हुए अब एक ही घोषणा के जरिए पात्रता तय की जाएगी.


एलपीजी सब्सिडी से खपत में वृद्धि

एलपीजी को आम जनता के लिए सस्ता बनाए रखने के लिए पात्र लाभार्थियों को प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी दी जा रही है। इससे एलपीजी की खपत में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। सरकार का मानना है कि इससे ग्रामीण और गरीब परिवारों को लकड़ी और कोयले जैसे प्रदूषणकारी ईंधनों से मुक्ति मिलेगी.


तेल-गैस क्षेत्र में अन्य प्रगति

मंत्रालय के अनुसार, पेट्रोल पंपों पर डिजिटल भुगतान, सुरक्षा जांच, पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण और नए तेल व गैस एक्सप्लोरेशन ब्लॉक्स के आवंटन जैसे क्षेत्रों में भी अच्छी प्रगति हुई है। इन पहलों से भारत का ऊर्जा क्षेत्र अधिक आधुनिक, सुरक्षित और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है.