भारत-पाकिस्तान तनाव पर राघव चड्ढा और विक्रम मिसरी के बयान

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने महत्वपूर्ण बयान दिए हैं। चड्ढा ने पड़ोसी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया, जबकि मिसरी ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता की टिप्पणियों की आलोचना की। जानें इन नेताओं के विचार और इस स्थिति का क्या मतलब है।
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भारत-पाकिस्तान तनाव पर राघव चड्ढा और विक्रम मिसरी के बयान

भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव पर प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष पर एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हम अपने दोस्तों का चुनाव कर सकते हैं, लेकिन पड़ोसियों का नहीं, खासकर जब पड़ोसी पाकिस्तान जैसा हो। ऐसे में उसे सजा देना हमारी जिम्मेदारी है। वर्तमान में भारत केवल पाकिस्तान से ही नहीं, बल्कि आतंकवादी मानसिकता से भी मुकाबला कर रहा है।


कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भारत द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक को यूएन चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत कानूनी कार्रवाई बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की गतिविधियाँ स्थिति को और अधिक संवेदनशील बना रही हैं। तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतें जारी रखता है, तो उसे उचित जवाब मिलेगा।


विदेश सचिव की तीखी प्रतिक्रिया

भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दोनों देशों के बीच लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में बड़े अंतर को उजागर किया। एक प्रेस ब्रीफिंग में, मिसरी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता को भारतीय जनता की आलोचना पर गर्व होना चाहिए।


मिसरी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के लिए यह अजीब है कि नागरिक अपनी सरकार की आलोचना कर रहे हैं, जो एक खुले लोकतंत्र की पहचान है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि पाकिस्तान का इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया से अपरिचित होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है।