भारत ने शेख हसीना का वीजा बढ़ाया, बांग्लादेश की प्रत्यर्पण मांग पर स्थिति जटिल

शेख हसीना का वीजा बढ़ाने का निर्णय
भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वीजा को बढ़ा दिया है। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब ढाका में उनके प्रत्यर्पण की मांग तेज हो गई है। शेख हसीना पिछले अगस्त में भारत आई थीं।
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में छात्रों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। सूत्रों के अनुसार, उनका वीजा हाल ही में बढ़ाया गया है ताकि वे भारत में पहले की तरह रह सकें। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने शरण नहीं दी है, क्योंकि यहां शरणार्थियों के लिए कोई विशेष कानून नहीं है।
प्रत्यर्पण के लिए डिप्लोमैटिक नोट
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर को शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए भारत के विदेश मंत्रालय को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजा था। लेकिन भारत सरकार ने इस पर अभी तक कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि ढाका ने आवश्यक औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं।
पासपोर्ट रद्द करने का निर्णय
पासपोर्ट रद्द करने की घोषणा
इस बीच, बांग्लादेश सरकार ने 97 व्यक्तियों के पासपोर्ट रद्द करने का निर्णय लिया है, जिनमें शेख हसीना का नाम भी शामिल है। इन पर जुलाई में हुए प्रदर्शनों में कथित रूप से लोगों को गायब करने और हत्याओं में शामिल होने का आरोप है।
गिरफ्तारी वारंट जारी
6 जनवरी को बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना के खिलाफ दूसरा गिरफ्तारी वारंट जारी किया। न्यायाधिकरण ने बांग्लादेशी पुलिस को शेख हसीना और 11 अन्य को गिरफ्तार करने और 12 फरवरी को न्यायाधिकरण के सामने पेश करने का आदेश दिया है।
भारत में शेख हसीना का भविष्य
भारत में शेख हसीना का भविष्य
भारत में शेख हसीना के भविष्य को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने पहले ही कहा है कि उन्हें अपनी योजनाओं के बारे में खुद निर्णय लेना है। इस बीच, बांग्लादेश के राष्ट्रीय स्वतंत्र जांच आयोग के प्रमुख ने कहा है कि आयोग के सदस्य भारत जाने की योजना बना रहे हैं ताकि शेख हसीना से 2009 में बांग्लादेश राइफल्स द्वारा 74 लोगों की हत्या के मामले में पूछताछ की जा सके।
भारत-बांग्लादेश के बीच तनाव
भारत और बांग्लादेश के बीच शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। हालांकि, भारत की ओर से फिलहाल कोई ठोस कदम उठाने की स्थिति नहीं दिख रही है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ढाका अपने दावे को आगे बढ़ाने में सफल होता है या नहीं।