भारत के सामने 2025 में कूटनीतिक चुनौतियाँ: अमेरिका, कनाडा और बांग्लादेश के मुद्दे

भारत की कूटनीतिक चुनौतियाँ
रूस-यूक्रेन और इसराइल-हमास संघर्ष, बांग्लादेश में राजनीतिक बदलाव, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की वापसी और मध्य पूर्व में अस्थिरता।
साल 2025 भारत के लिए कई महत्वपूर्ण चुनौतियाँ लेकर आ रहा है, जिन्हें सुलझाना आसान नहीं होगा।
इस वर्ष भारत क्वॉड नेताओं के शिखर सम्मेलन और संभावित भारत-ईयू शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन की यात्रा कर सकते हैं, और यह भी संभावना है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आएं।
अमेरिका के साथ संबंधों में जटिलता
20 जनवरी, 2025 को डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को आमंत्रित किया है, लेकिन भारत को अभी तक कोई निमंत्रण नहीं मिला है।
भारतीय विदेश मंत्री ने हाल ही में अमेरिका का दौरा किया, जहाँ उनकी मुलाकात अमेरिकी विदेश मंत्री और राष्ट्रपति बाइडन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से हुई।
हालांकि, खालिस्तान समर्थक नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के आरोपों ने तनाव को बढ़ा दिया है।
कनाडा के साथ संबंधों में सुधार
2023 में कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ गए हैं।
कनाडा के प्रधानमंत्री ने भारतीय अधिकारियों के शामिल होने के आरोप लगाए हैं, जिसे भारत ने खारिज कर दिया।
दोनों देशों के बीच संबंध इतने नाजुक हो गए हैं कि 2024 में एक-दूसरे के राजनयिकों को निकाला गया।
चीन के साथ विश्वास की कमी
भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर विवाद जारी है।
हालांकि, अक्टूबर 2024 में एक महत्वपूर्ण समझौते के बाद दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के संकेत मिले हैं।
विदेशी मामलों के जानकार मानते हैं कि भारत और चीन के बीच विश्वास की कमी है, लेकिन 2025 में स्थिति में सुधार की उम्मीद है।
रूस के साथ संतुलन बनाए रखना
भारत के लिए अमेरिका और रूस के साथ संतुलन बनाए रखना एक बड़ी चुनौती है।
भारत, रूस से तेल आयात कर रहा है, जबकि अमेरिका भारत की तुलना में पाकिस्तान को प्राथमिकता देता है।
इस स्थिति में भारत को रूस से दूर होने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल
2024 में बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भारत के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ा है।
भारत के विदेश मंत्रालय के अनुसार, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसात्मक घटनाएँ बढ़ी हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश का पाकिस्तान के करीब जाना भारत के लिए चिंता का विषय है।