भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर में 30,000 करोड़ का निवेश: नई योजनाएं और लक्ष्य

भारत सरकार ने बुनियादी ढांचे में 30,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है, जो आर्थिक विकास को गति देने के लिए महत्वपूर्ण है। इस निवेश के माध्यम से, सरकार नेशनल इंफ्रा पाइपलाइन के तहत 111 लाख करोड़ रुपये के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रही है। जानें इस योजना के पीछे की रणनीतियाँ और एनआईआईएफ की भूमिका।
 | 

भारत के ग्रोथ पर सरकार का ध्यान

भारत की सरकार देश की आर्थिक वृद्धि को लेकर गंभीर नजर आ रही है। इसके लिए, सरकार ने बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित किया है। पिछले बजट में, कैपेक्स 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक था। अब, सरकार एक नई योजना पर काम कर रही है ताकि बुनियादी ढांचे के कार्यों में कोई बाधा न आए। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार भारत के सॉवरेन वेल्थ फंड में 30,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश करने की योजना बना रही है। यह निवेश सरकार के बुनियादी ढांचे पर निरंतर ध्यान देने का संकेत है, जिसने आर्थिक विकास को गति दी है।


कैबिनेट नोट और एनआईआईएफ का महत्व

सूत्रों ने बताया कि व्यय सचिव वी. वुआलनम की अध्यक्षता में योजना को मंजूरी मिलने के बाद, कैबिनेट नोट को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। आगामी केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा होने की संभावना है। एक सूत्र ने कहा, "एनआईआईएफ के लिए जुटाई जा रही राशि का एक बड़ा हिस्सा एनआईआईएफ मास्टर फंड II में लगाया जाएगा, जिसका प्रोसेस शुरू हो चुका है।"


मास्टर फंड II के लिए धन जुटाने की प्रक्रिया

एनआईआईएफ अपने दूसरे मास्टर फंड के लिए लगभग 3.5 बिलियन डॉलर जुटाने की प्रक्रिया में है। बुनियादी ढांचे पर खर्च भारत की आर्थिक वृद्धि का मुख्य आधार बन गया है। पिछले कुछ वर्षों में निजी निवेश की कमी के बावजूद, सरकारी निवेश ने जीडीपी को गति दी है। एनआईआईएफ एक प्राइवेट मार्केट्स फंड II भी लॉन्च कर रहा है, जिसका लक्ष्य 1 बिलियन डॉलर है।


एनआईआईएफ की स्थापना और निवेश

एनआईआईएफ में भारत सरकार की 49 फीसदी हिस्सेदारी है और यह मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश पर ध्यान केंद्रित करता है। यह सॉवरेन फंड अपने चार फंडों के माध्यम से 4.9 बिलियन डॉलर की इक्विटी कैपिटल को मैनेज करता है। एनआईआईएफ की स्थापना 2015 में केंद्र सरकार के 20,000 करोड़ रुपये के प्रारंभिक निवेश के साथ हुई थी।


भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ टारगेट

एनआईआईएफ से भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर ग्रोथ टारगेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। सरकार की नेशनल इंफ्रा पाइपलाइन का लक्ष्य वित्त वर्ष 2020 से 2025 तक लगभग 111 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश का है। वित्त वर्ष 2026 के लिए भारत का कैपेक्स लक्ष्य 11.21 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है।


कैपेक्स में वृद्धि

वित्त वर्ष 2020 से कैपेक्स तीन गुना बढ़ गया है, जिससे सभी सेक्टर्स में उत्पादकता में वृद्धि हुई है। एनआईआईएफ के सीईओ संजीव अग्रवाल ने पिछले साल पदभार संभालने के बाद से कई सफलताएं हासिल की हैं। इनमें अयाना रिन्यूएबल पावर प्राइवेट लिमिटेड की बिक्री शामिल है।