भारत की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण: एशिया में परमाणु संतुलन में बदलाव
भारत की परमाणु ताकत में वृद्धि
चीन के पास लगभग 600 परमाणु वारहेड हैं, जबकि पाकिस्तान के पास 170 और भारत ने हाल ही में अपनी संख्या बढ़ाकर 180 कर ली है। तीनों देशों के पास लंबी दूरी की मिसाइलें हैं, लेकिन भारत और चीन के पास जमीन, हवा और समुद्र तीनों माध्यमों से परमाणु हथियार दागने की क्षमता है। इसके विपरीत, पाकिस्तान के पास समुद्र आधारित लॉन्च की सुविधा नहीं है, जिससे युद्ध की स्थिति में भारत और चीन एक मजबूत परमाणु त्रिकोण बना सकते हैं.
भारत की अग्नि-5 मिसाइल का महत्व
एशिया में परमाणु शक्ति की प्रतिस्पर्धा एक नए चरण में प्रवेश कर चुकी है। भारत ने अग्नि-5 जैसी मिसाइलें विकसित की हैं, जो चीन और पाकिस्तान के किसी भी क्षेत्र में परमाणु बम गिराने में सक्षम हैं। हाल ही में अग्नि-5 का परीक्षण और इसके एडवांस्ड एमआईआरवी संस्करण ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत अब किसी भी तरह से पीछे नहीं है.
अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण
भारत ने 25 सितंबर को अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया, जो एक उन्नत मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल है। इसे रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी.
रेल-आधारित प्रक्षेपण की विशेषताएँ
अग्नि-प्राइम का रेल से प्रक्षेपण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश भर में गतिशीलता प्रदान करता है और कम दृश्यता के साथ तेजी से प्रक्षेपण की अनुमति देता है। अधिकांश उन्नत मिसाइलें बड़ी होती हैं और उन्हें ले जाना कठिन होता है, इसलिए इन्हें स्थिर मिसाइल साइलो से लॉन्च किया जाता है. लेकिन रेल पर आधारित प्रक्षेपण से हमले का खतरा कम होता है.