भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन

भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस वर्ष, अम्बिकापुर में भव्य आयोजन की योजना बनाई गई है, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मुख्य अतिथि होंगी। छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री ने तैयारियों की समीक्षा की है और सभी संबंधित अधिकारियों को कार्यक्रम को प्रभावशाली बनाने के निर्देश दिए हैं। जानें इस महत्वपूर्ण दिन के महत्व और आयोजन की विशेषताओं के बारे में।
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भगवान बिरसा मुंडा का जनजातीय गौरव दिवस

भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर जनजातीय गौरव दिवस का भव्य आयोजन


भगवान बिरसा मुंडा का जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर 19 और 20 नवंबर को अम्बिकापुर के पीजी मैदान में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 20 नवंबर को मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगी।


तैयारियों की समीक्षा बैठक

छत्तीसगढ़ के आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम की अध्यक्षता में नवा रायपुर में तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा, आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, संयुक्त सचिव बी.एस. राजपूत, अपर संचालक संजय गौड़ और कार्यक्रम की नोडल अधिकारी गायत्री नेताम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। सरगुजा संभाग के सभी जिलों के सहायक आयुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।


प्रधानमंत्री का आह्वान

यह ध्यान देने योग्य है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर जमुई, बिहार में आयोजित समारोह में उनके जन्मदिन 15 नवंबर को देशभर में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया था। उन्होंने मुंडा के सम्मान में एक स्मारक, सिक्का और डाक टिकट का अनावरण भी किया था।


गौरवपूर्ण आयोजन की तैयारी

मंत्री नेताम ने बैठक में कहा कि जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन प्रभावशाली और गौरवपूर्ण होना चाहिए। इसके लिए सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को संवेदनशीलता के साथ तैयारी शुरू करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कार्यक्रम में जनजातीय नृत्य, लोककला, संगीत और अन्य विविध आयोजनों की तैयारी करने के लिए भी निर्देश दिए।