भगवान के अस्तित्व पर बहस: नाई और ग्राहक की दिलचस्प बातचीत

अंधविश्वास और तर्कशीलता
कुछ व्यक्तियों को हर चीज का प्रमाण चाहिए होता है। जब तक उन्हें ठोस सबूत नहीं मिलते, वे किसी भी चीज को अंधविश्वास मान लेते हैं। यह व्यवहार अक्सर नास्तिकों में देखा जाता है, जो भगवान के अस्तित्व को मानने से इनकार करते हैं।
उनका तर्क यह होता है कि आज तक किसी ने भगवान को नहीं देखा है। हालांकि, कई लोग मानते हैं कि इस दुनिया में एक अदृश्य शक्ति है जो सभी का पालन करती है। लेकिन कुछ लोग अपनी अज्ञानता के कारण सच्चाई से अनजान रहते हैं।
नाई का नास्तिकता का दावा
एक बार, एक व्यक्ति नाई की दुकान पर बाल कटवा रहा था। बातचीत के दौरान, दोनों के बीच भगवान के अस्तित्व पर चर्चा शुरू हो गई। नाई ने कहा, "मैं भगवान के अस्तित्व को नहीं मानता। तुम मुझे नास्तिक भी कह सकते हो।" इस पर ग्राहक ने पूछा, "तुम ऐसा क्यों सोचते हो?" नाई ने उत्तर दिया, "सड़क पर निकलो और देखो, भगवान का अस्तित्व कहाँ है? अगर भगवान होते, तो क्या इतने लोग भूखे मरते और बीमार पड़ते?"
ग्राहक ने नाई के तर्कों पर सवाल उठाए
यह सुनकर ग्राहक भी सोच में पड़ गया। उसके पास नाई के तर्कों का कोई जवाब नहीं था, इसलिए वह चुपचाप सुनता रहा। जब नाई ने उसके बाल काटकर सेट कर दिए, तो वह दुकान से बाहर चला गया। बाहर निकलते ही, उसने एक लंबे बालों वाले व्यक्ति को देखा, जिसकी दाढ़ी और बाल बहुत बड़े थे। ऐसा लग रहा था कि उसने महीनों से बाल नहीं कटवाए हैं।
ग्राहक फिर से नाई की दुकान में गया और बोला, "क्या तुम जानते हो कि नाइयों का कोई अस्तित्व नहीं है?" नाई ने कहा, "क्या तुम पागल हो? क्या तुम देख नहीं सकते, मैं एक नाई हूं। मैंने अभी तुम्हारे बाल काटे हैं।" ग्राहक ने कहा, "नहीं, नाई नहीं होते। अगर होते, तो बाहर उस व्यक्ति जैसे कई लोग लंबे बाल और बढ़ी हुई दाढ़ी लेकर नहीं घूमते।"
नाई ने कहा, "अगर वह व्यक्ति नाई के पास बाल कटवाने नहीं जाएगा, तो नाई उसके बाल कैसे काटेगा?" ग्राहक ने सहमति जताई, "हां, तुम सही कह रहे हो। यही बात तो है। भगवान भी होते हैं, लेकिन कुछ लोग उन पर विश्वास नहीं करते, तो भगवान उनकी मदद कैसे करेगा?"