भगंदर (Fistula-in-Ano): लक्षण, कारण और उपचार के उपाय
भगंदर (Fistula-in-Ano) एक आम लेकिन गंभीर समस्या है, जो मलद्वार के आसपास एक संक्रमित मार्ग बनाती है। इसके लक्षणों में शौच के समय दर्द, सूजन, और मवाद का रिसाव शामिल हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे बैक्टीरियल संक्रमण और अनियमित शौच। उपचार में प्राथमिक देखभाल, दवाइयां, और सर्जिकल विकल्प शामिल हैं। समय पर पहचान और सही उपचार से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है। जानें इसके लक्षण, कारण और उपचार के उपाय इस लेख में।
Mar 28, 2025, 22:15 IST
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भगंदर (Fistula-in-Ano) क्या है?
भगंदर (Fistula-in-Ano): यह एक गंभीर लेकिन सामान्य समस्या है, जिसमें मलद्वार के आस-पास एक संक्रमित मार्ग या गहराई बन जाती है। यह स्थिति बहुत असुविधाजनक हो सकती है, इसलिए इसे समय पर पहचानना और उपचार करना आवश्यक है। आइए इसके लक्षण, कारण और उपचार के तरीकों के बारे में जानते हैं।
भगंदर के लक्षण
भगंदर के लक्षण
- शौच के समय जलन और दर्द:
- यह समस्या आमतौर पर शौच के दौरान महसूस होती है, और दर्द की तीव्रता संक्रमण की स्थिति पर निर्भर करती है।
- मलद्वार के पास सूजन:
- संक्रमित क्षेत्र में सूजन दिखाई देती है, जो समय के साथ बढ़ सकती है।
- मवाद या पस का रिसाव:
- मलद्वार के आस-पास से पस या बदबूदार द्रव्य का रिसाव एक सामान्य संकेत है।
- त्वचा में जलन और खुजली:
- लगातार रिसाव के कारण त्वचा में जलन और खुजली हो सकती है।
- बुखार और थकान:
- यदि संक्रमण गंभीर हो जाए, तो बुखार और थकान महसूस हो सकती है।
भगंदर के कारण
भगंदर के कारण
- बैक्टीरियल संक्रमण:
- मलद्वार की ग्रंथियों में बैक्टीरिया का संक्रमण भगंदर का मुख्य कारण होता है।
- अनियमित शौच:
- कब्ज या दस्त के कारण मलद्वार पर अत्यधिक दबाव पड़ता है, जिससे यह समस्या हो सकती है।
- मलद्वार की चोट या घाव:
- किसी चोट या सर्जरी के बाद ठीक से घाव न भरने पर संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- अस्थायी रोग (क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस):
- इन बीमारियों से मलद्वार के आसपास सूजन बढ़ जाती है, जो भगंदर का कारण बन सकती है।
- मधुमेह और कमजोर इम्यूनिटी:
- मधुमेह रोगियों में संक्रमण का खतरा अधिक होता है।
भगंदर का इलाज
भगंदर का इलाज
1. प्राथमिक उपचार:
- साफ-सफाई का ध्यान: मलद्वार क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
- गर्म पानी से सेंक: दिन में 2-3 बार गर्म पानी से सेंक करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
- फाइबर युक्त आहार: कब्ज से बचने के लिए फल, सब्जियां और साबुत अनाज का सेवन करें।
2. दवाइयां:
- संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए एंटीबायोटिक्स का प्रयोग किया जा सकता है।
- दर्द और सूजन कम करने के लिए दर्दनिवारक और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां दी जाती हैं।
3. सर्जिकल उपचार:
- फिस्टुलोटॉमी: यह सबसे सामान्य सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें भगंदर को पूरी तरह से हटाया जाता है।
- लेजर सर्जरी: यह आधुनिक और कम दर्दनाक प्रक्रिया है जिसमें संक्रमण को लेजर से खत्म किया जाता है।
- सेटन तकनीक: यह प्रक्रिया धीरे-धीरे संक्रमित मार्ग को बंद करने के लिए उपयोगी है।
4. आयुर्वेदिक और घरेलू उपचार:
- त्रिफला चूर्ण: कब्ज से बचाने में सहायक होता है।
- हल्दी और शहद: हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जो संक्रमण कम करने में मदद करते हैं।
- नीम और तुलसी का लेप: त्वचा को आराम और संक्रमण से बचाव प्रदान करता है।
भगंदर से बचाव के उपाय
भगंदर से बचाव के उपाय
- नियमित रूप से पानी पिएं और फाइबर युक्त आहार लें।
- लंबे समय तक एक ही जगह न बैठें।
- शौच के बाद क्षेत्र को साफ और सूखा रखें।
- समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराएं।
- किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।
भगंदर एक गंभीर समस्या है, लेकिन इसे समय पर पहचान कर सही उपचार से ठीक किया जा सकता है। यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई दें, तो इसे अनदेखा न करें और तुरंत चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर इस समस्या से बचाव किया जा सकता है।