बिहार में शिक्षा विभाग का बड़ा फर्जीवाड़ा: अनु कुमारी के नाम पर 6 शिक्षक नौकरी कर रहे थे

बिहार में शिक्षा विभाग का चौंकाने वाला खुलासा
बिहार के शिक्षा विभाग में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जहां तीन फर्जी शिक्षकों ने बिना किसी रोक-टोक के नौकरी की। जब विभाग ने फर्जी शिक्षकों की पहचान के लिए अभियान चलाया, तब यह खुलासा हुआ कि अनु कुमारी के नाम पर छह शिक्षक कार्यरत थे।
इस घटना ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
तीन फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जानकारी के अनुसार, जमुई जिले के बरहट प्रखंड के मध्य विद्यालय नगदेवा में ये शिक्षक काम कर रहे थे। अनु कुमारी, रवींद्र कुमार रवि और गोपाल कुमार के खिलाफ कार्रवाई का पत्र जारी किया गया है।
जारी पत्र में बताया गया है कि वर्ष 2015 में इन शिक्षकों को पंचायत के मुखिया और सचिव द्वारा बहाल किया गया था। इन तीनों ने लगभग 8 से 9 वर्षों तक विभाग को धोखा देते हुए लाखों रुपए का वेतन प्राप्त किया। जब इनका प्रमाण पत्र ऑनलाइन चेक किया गया, तब यह फर्जी पाया गया।
ऑनलाइन दस्तावेजों से हुआ खुलासा
शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षकों के दस्तावेजों को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। जब इन शिक्षकों के दस्तावेज अपलोड किए गए, तब उनकी साक्षमता प्रमाण पत्र फर्जी निकली। विभाग ने इनसे स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन कोई भी शिक्षक उपस्थित नहीं हुआ और न ही जवाब दिया। इसके बाद विभाग ने विधिक कार्रवाई की बात कही है।
अनु कुमारी के नाम पर 6 शिक्षक
इन तीनों शिक्षकों के नाम पर कार्यरत अन्य शिक्षकों में से गोपाल कुमार बख्तियारपुर में और रवींद्र कुमार रवि शेखपुरा में कार्यरत हैं। अनु कुमारी के नाम पर कुल छह शिक्षिकाएं शिक्षा विभाग में काम कर रही थीं। इस मामले पर नियोजन इकाई के अध्यक्ष श्रवण कुमार पांडेय ने कहा कि विभागीय पत्र मिलने के बाद इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। 17 जनवरी को पंचायत समिति और शिक्षा समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया जाएगा।