बिहार में अपराध और अपराधियों की बहार है : मृत्युंजय तिवारी

पटना, 26 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार में क्राइम को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर कटाक्ष किया। हाल के दिनों में हुई अपराध की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंन सोशल मीडिया एक्स पर किए पोस्ट में लिखा, “राम नाम सत्य, सुशासन का तथ्य, अपराधियों को अर्घ्य! आपके ध्यानार्थ प्रस्तुत है बिहार में घटित विगत दिनों की चंद आपराधिक घटनाएं। अब यह मत कहना कि बिहार में जंगलराज है, नहीं तो क़यामत आ जाएगी।“
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बिहार में अपराध और अपराधियों की बहार है : मृत्युंजय तिवारी

पटना, 26 सितंबर (आईएएनएस)। बिहार में क्राइम को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर कटाक्ष किया। हाल के दिनों में हुई अपराध की घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंन सोशल मीडिया एक्स पर क‍िए पोस्ट में लिखा, “राम नाम सत्य, सुशासन का तथ्य, अपराधियों को अर्घ्य! आपके ध्यानार्थ प्रस्तुत है बिहार में घटित विगत दिनों की चंद आपराधिक घटनाएं। अब यह मत कहना कि बिहार में जंगलराज है, नहीं तो क़यामत आ जाएगी।“

तेजस्वी इस बयान का समर्थन करते हुए आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी ने गुरुवार को आईएएनएस से कहा, बिहार में अपराध और अपराधियों की बहार है और बिहार में नीतीश सरकार है। बिहार में जिस तरह से अपराधियों का मनोबल बढ़ा हुआ है, हत्याओं का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है।

लूट, हत्या और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट से बिहार सरकार, डबल इंजन की सरकार को यहां की हकीकत से रूबरू करवाया है। एक जिम्मेदार नेता विपक्ष के तौर पर तेजस्वी यादव लगातार बिहार सरकार की नाकामियों का उजागर करते रहते हैं।

सरकार अपराध पर लगाम लगाने में फेल है। लेकिन, वह तेजस्वी यादव पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं। बिहार अपराधियों के तांडव से जूझ रहा है। इसे कौन से राज्य की संज्ञा दी जाए। जंगलराज की रट लगाने वाले लोग बताएं कि इन लोगों ने बिहार को राक्षसराज क्यों बना दिया। इसलिए, हम लोग कह रहे हैं कि बिहार में डबल इंजन की एनडीए की सरकार है और अपराध और अपराधियों की बहार है।

बता दें कि तेजस्वी यादव ने 5 सितंबर को भी एक पोस्ट के जरिए बिहार सरकार को अपराध के मामले में घेरा था। लेकिन, तब उन्हें सत्ता पक्ष के लोगों ने निशाने पर लिया था। जेडीयू-भाजपा का कहना था कि तेजस्वी यादव जिन आपराधिक घटनाओं का जिक्र कर रहे हैं, वह घटनाएं हुई नहीं हैं। तेजस्वी यादव अपने स्रोत के बारे में बताएं कि उन्होंने किस स्रोत के आधार पर यह सब लिखा।

--आईएएनएस

डीकेएम/सीबीटी