बांग्लादेश में हिंदू आबादी की स्थिति: हिंसा और जनसंख्या आंकड़े

बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसा ने हिंदू समुदाय के बीच चिंता बढ़ा दी है। प्रदर्शनकारियों ने प्रमुख समाचार पत्रों के कार्यालयों में तोड़फोड़ की और एक हिंदू युवक की हत्या कर दी। 2022 की जनगणना के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या 13.1 मिलियन है, जो कुल जनसंख्या का 7.96 प्रतिशत है। जानें इस समुदाय की स्थिति और उनकी सुरक्षा को लेकर उठ रहे सवाल।
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बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या की चिंताजनक स्थिति

बांग्लादेश में हिंदू आबादी की स्थिति: हिंसा और जनसंख्या आंकड़े


बांग्लादेश में हाल ही में फिर से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार रात को प्रमुख समाचार पत्रों, जैसे डेली स्टार और प्रोथोम आलो के कार्यालयों में घुसकर तोड़फोड़ की और आगजनी की। इसके अलावा, पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान के निवास पर भी हमले हुए। यह हिंसा उस्मान हादी, जो एक विपक्षी नेता थे, की सिंगापुर में मृत्यु के बाद भड़की।


इस हिंसा के चलते बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोग चिंतित हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, धर्म के अपमान के आरोप में एक हिंदू युवक की हत्या कर दी गई। ऐसे में हिंदू समुदाय की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। शेख हसीना की सरकार के पतन के बाद से हिंदुओं पर हमले बढ़े हैं, जिससे उनकी स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है।


बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या का आंकड़ा

2022 की जनगणना के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदू जनसंख्या 13.1 मिलियन से अधिक है, जो कुल जनसंख्या का 7.96 प्रतिशत है। विभिन्न डिवीजनों में हिंदुओं की संख्या में भिन्नता है; जैसे मैमनसिंह में 3.94 प्रतिशत से लेकर सिलहट में 13.51 प्रतिशत तक।


बांग्लादेश के 64 जिलों में से चार जिलों में हर पांचवां व्यक्ति हिंदू है। 2022 की जनगणना के अनुसार, 13 जिलों में हिंदू जनसंख्या 15 प्रतिशत से अधिक है, जबकि 21 जिलों में यह 10 प्रतिशत से अधिक है। ढाका डिवीजन के गोपालगंज, सिलहट डिवीजन के मौलवीबाजार, रंगपुर डिवीजन के ठाकुरगांव और खुलना डिवीजन के खुलना में हिंदू जनसंख्या अधिक है।


बांग्लादेश की कुल जनसंख्या में मुसलमानों का प्रतिशत

बांग्लादेश की कुल जनसंख्या में 91.08 प्रतिशत मुसलमान हैं। गोपालगंज जिले में 26.94 प्रतिशत, मौलवीबाजार में 24.44 प्रतिशत, ठाकुरगांव में 22.11 प्रतिशत और खुलना में 20.75 प्रतिशत हिंदू हैं। अन्य अल्पसंख्यक समुदाय, जैसे बौद्ध और ईसाई, मिलकर एक प्रतिशत से भी कम हैं।


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