बांग्लादेशी महिलाओं की भारतीय पुरुषों से विवाह की बढ़ती रुचि
बांग्लादेशी महिलाओं की विवाह में रुचि
बांग्लादेशी महिलाओं द्वारा भारतीय पुरुषों से विवाह के लिए आवेदन करने की संख्या में हाल ही में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक है। 2024 में, इस प्रवृत्ति में और तेजी आई है।
प्यार की सीमाएं
इंटरनेशनल न्यूज. यह कहा जाता है कि प्यार की कोई सीमाएं नहीं होती, और यह बात अब और भी स्पष्ट होती जा रही है। भारतीय पुरुषों से विवाह के लिए इच्छुक विदेशी दुल्हनों की संख्या में वृद्धि हो रही है। बांग्लादेश और भारत के बीच विवाहों की बढ़ती संख्या इस सीमा पार प्रेम भावना को दर्शाती है।
आधिकारिक आंकड़े
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 20 दिसंबर तक, 100 बांग्लादेशी महिलाओं ने भारतीय पुरुषों से विवाह के लिए कानूनी मंजूरी मांगी है। इसके विपरीत, केवल 11 बांग्लादेशी पुरुषों ने भारतीय महिलाओं से विवाह के लिए आवेदन किया है।
इतिहास और परंपरा
इतिहास के संदर्भ में, बांग्लादेशी महिलाओं ने पारंपरिक रूप से भारतीय पुरुषों से विवाह करने में रुचि दिखाई है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में, 410 बांग्लादेशी महिलाओं ने भारत के पश्चिम बंगाल में भारतीय दूल्हों से विवाह किया है, जबकि 76 बांग्लादेशी पुरुषों ने भारतीय दुल्हनों से विवाह किया है।
भारतीय पुरुषों में रुचि के कारण
इस रुचि के पीछे का मुख्य कारण स्पष्ट नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय नागरिकता प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। भारतीय नागरिक के साथ विवाह के सात साल बाद, कोई भी व्यक्ति भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है।
बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर आरोप लगाया है कि वह देश को आतंकवाद और अराजकता का केंद्र बना रही है। उन्होंने पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।
आतंकवादियों की सरकार का विरोध
उन्होंने कहा कि यूनुस को सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं है और उन्हें ऐसा करने से बचना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि यूनुस ने पिछले वर्ष छात्रों द्वारा किए गए दंगों के दौरान पुलिस अधिकारियों की हत्या पर चुप्पी साधी। हसीना ने कहा, "यूनुस को सरकार चलाने का कोई अनुभव नहीं है। वे बांग्लादेश को नष्ट कर रहे हैं। हम आतंकवादियों की इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे."