बदलापुर एनकाउंटर : अक्षय शिंदे के परिजनों ने मांगी सुरक्षा, वकील ने कहा- जल्द कराया जाए अंतिम संस्कार

मुंबई, 26 सितंबर (आईएएनएस)। बदलापुर एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा पुलिस पर सवाल उठाए जाने के बाद अब आरोपी अक्षय शिंदे के वकील ने परिवार की जान को खतरा बताया है। वकील अमित कटारनवारे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उसे और अक्षय शिंदे के परिवार वालों को सुरक्षा देने की मांग की। साथ ही उन्होंने प्रशासन से अक्षय के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने की भी मांग की है।
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बदलापुर एनकाउंटर : अक्षय शिंदे के परिजनों ने मांगी सुरक्षा, वकील ने कहा- जल्द कराया जाए अंतिम संस्कार

मुंबई, 26 सितंबर (आईएएनएस)। बदलापुर एनकाउंटर मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा पुलिस पर सवाल उठाए जाने के बाद अब आरोपी अक्षय शिंदे के वकील ने परिवार की जान को खतरा बताया है। वकील अमित कटारनवारे ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उसे और अक्षय शिंदे के परिवार वालों को सुरक्षा देने की मांग की। साथ ही उन्होंने प्रशासन से अक्षय के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने की भी मांग की है।

वकील अमित कटारनवारे ने कहा, "उन्होंने कल्याण जिला एवं सत्र न्यायालय में गुहार लगाई है कि अक्षय के अंतिम संस्कार के लिए व्यवस्था की जाए। जिस जगह पर अक्षय का अंतिम संस्कार किया जाएगा, वहां पर परिवार वालों के लिए सुरक्षा के इंतजाम किए जाएं।"

उन्होंने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग करते हुए कहा, "अक्षय शिंदे के एनकाउंटर के बाद उसके परिवार वाले भी सहमे हुए हैं। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल होने से पहले ही अक्षय को अपराधी घोषित कर दिया गया और जिस दिन आरोप पत्र दाखिल किया गया, उसी दिन वह एनकाउंटर में मारा गया। इसलिए अक्षय शिंदे के परिवार की भी सुरक्षा की जानी चाहिए।"

वहीं, अक्षय शिंदे के रिश्तेदार अमर शिंदे ने कहा, "उन्होंने परिवार की सुरक्षा के लिए डिप्टी सीएम और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक ईमेल किया है। अक्षय के माता-पिता और वकील को सुरक्षा मिलनी चाहिए, क्योंकि उनकी जान को खतरा है।"

महाराष्ट्र के बदलापुर एनकाउंटर में दुष्कर्म के आरोपी अक्षय शिंदे के मारे जाने को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र पुलिस से कई गंभीर सवाल पूछे। कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा, "पुलिस को तो किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए विधिवत रूप से प्रशिक्षण दिया जाता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर आरोपी के सिर पर गोली कैसे लगी? पुलिस को तो बाकायदा ट्रेनिंग में यह सिखाया जाता है कि आरोपी के किस अंग पर गोली चलानी है। ऐसी स्थिति में पुलिस को आरोपी के पैर या हाथ पर गोली चलानी चाहिए थी।"

कोर्ट ने पूछा, "जब यह एनकाउंटर हुआ, तब पुलिसकर्मी वर्दी में नहीं थे। पिस्तौल बाईं तरफ थी। जब वह (मृतक) गाड़ी में था, तो बंदूक लॉक थी। आरोपी ने पुलिस से जब जबरन बंदूक छीनी, तब वह अनलॉक हो गई।"

--आईएएनएस

एफएम/एबीएम