प्रेग्नेंसी के दौरान आम समस्याएं और उनके समाधान

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे जेस्टेशनल डायबिटीज, यूटीआई, प्री-एक्लेमप्सिया, पैरों और कमर में दर्द, और एनीमिया। इस लेख में हम इन समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे और उनके बचाव के उपाय बताएंगे। जानें कैसे आप अपनी गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ रख सकते हैं।
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प्रेग्नेंसी में स्वास्थ्य का ध्यान रखना

गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि इस समय हार्मोन्स में तेजी से बदलाव होते हैं। इससे मॉर्निंग सिकनेस, मूड स्विंग और बालों का झड़ना जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके अलावा, जेस्टेशनल डायबिटीज और यूटीआई जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बढ़ जाता है।


डायबिटीज

हालांकि डायबिटीज एक सामान्य बीमारी बन चुकी है, गर्भवती महिलाओं में जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा अधिक होता है, जो मां और बच्चे दोनों के लिए गंभीर हो सकता है। इससे बच्चे में जन्मजात बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।


बचाव के उपाय: यदि आप पहले से डायबिटीज के मरीज हैं, तो आलू, चावल, जंक फूड और मिठाइयों से दूर रहना चाहिए। हर तीन महीने में ओरल ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट कराना भी जरूरी है। डॉक्टर द्वारा दवाइयां या इंसुलिन इंजेक्शन लेने की सलाह भी दी जा सकती है।


यूटीआई

गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्ट्रेरोन का स्तर बढ़ने से महिलाओं को यूटीआई इंफेक्शन का खतरा होता है, जो किडनी को भी नुकसान पहुंचा सकता है।


इसलिए, गर्भावस्था के दौरान तला-भुना खाना कम करें और संतुलित आहार का सेवन करें। जंक फूड, स्ट्रीट फूड और गंदे टॉयलेट के उपयोग से बचें।


प्री-एक्लेमप्सिया

गर्भावस्था के 20वें हफ्ते में कुछ महिलाओं का रक्तचाप बढ़ सकता है, जिससे यूरिन के माध्यम से प्रोटीन का रिसाव होता है। इसे प्री-एक्लेमप्सिया कहा जाता है, जो गर्भावस्था के दौरान गंभीर स्थिति हो सकती है।


इससे चेहरे पर सूजन, पैरों में दर्द और बच्चे के विकास में रुकावट आ सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


पैरों और कमर में दर्द

गर्भावस्था के दौरान पैरों और कमर में दर्द होना सामान्य है। इससे उठना-बैठना मुश्किल हो सकता है।


महिलाओं को इस दौरान आराम करना चाहिए और भारी काम से बचना चाहिए। भारी सामान उठाने से बचें और सीढ़ियों पर चढ़ने से भी परहेज करें। सोने की सही पोजीशन बनाए रखें।


एनीमिया

गर्भावस्था में कई महिलाओं को एनीमिया की समस्या का सामना करना पड़ता है, जिससे शरीर में खून की कमी हो जाती है। यह बच्चे के विकास में बाधा डाल सकता है और कभी-कभी गर्भपात का कारण भी बन सकता है।


एनीमिया से बचने के लिए अपनी डाइट में अनार, चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। आयरन से भरपूर अंजीर और खजूर का सेवन भी फायदेमंद है।