पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाने का निर्णय

मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने का निर्णय अब नहीं होगा। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विरोध के चलते एक आपात बैठक में यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जनता की भावनाओं का सम्मान करती है और कोर्ट के निर्देशों के अनुसार कार्य करेगी। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
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पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाने का निर्णय

सीएम मोहन यादव का महत्वपूर्ण फैसला


मध्य प्रदेश के पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने का निर्णय अब नहीं होगा। विरोध के चलते मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार ने इस मुद्दे पर एक आपात बैठक बुलाई, जिसमें यह निर्णय लिया गया।


सीएम ने बताया कि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड के कचरे के निपटान के लिए बैठक में सभी सदस्यों ने एकमत होकर यह निर्णय लिया कि यह कदम माननीय न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप है और जनता के हित में है।


जनता की भावनाओं का सम्मान


मोहन यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने पीथमपुर की स्थिति को गंभीरता से लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार जनहित में कार्य करती है और जनता की भावनाओं का सम्मान करती है। हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही कचरा पीथमपुर भेजा गया था, लेकिन अब हम कोर्ट को स्थिति से अवगत कराएंगे। इस बीच, जहरीले कचरे के ट्रक वहीं खड़े रहेंगे। उन्होंने जनता से अपील की कि वे किसी भी अफवाह पर विश्वास न करें।पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा नहीं जलाने का निर्णय


सीएम मोहन यादव ने इस मामले पर इमरजेंसी बैठक की।


भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री से 337 टन खतरनाक कचरा बुधवार रात को पीथमपुर भेजा गया था। यह कचरा 12 सीलबंद कंटेनरों में भरकर भोपाल से 250 किमी दूर धार जिले के पीथमपुर लाया गया। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया और कचरा जलाने के खिलाफ अनशन पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने हाईवे को जाम कर दिया और पुलिस पर लाठीचार्ज किया।