पश्चिम बंगाल में SIR के कारण बढ़ता तनाव, आत्महत्याओं पर राजनीतिक विवाद
पश्चिम बंगाल में SIR के चलते बढ़ी दहशत
पश्चिम बंगाल में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के कारण लोगों में भय और भ्रम का माहौल बन गया है। इस स्थिति के चलते चार व्यक्तियों ने आत्महत्या कर ली है, जिससे तनाव और बढ़ गया है। इन आत्महत्याओं को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। इस बीच, बीजेपी के एक नेता ने ऐसा बयान दिया है जिसे टीएमसी ने अमानवीय करार दिया है.
चौथी आत्महत्या की घटना
SIR और NRC के चलते तीन आत्महत्याओं के बाद चौथी घटना भी सामने आई है। बैरकपुर नगर पालिका के वार्ड 8 में, एक महिला ने खुद को आग लगाकर अपनी जान दे दी। मृतका की पहचान 33 वर्षीय काकोली सरकार के रूप में हुई है, जो दो बच्चों की मां थी। उनके परिवार के अनुसार, काकोली मूल रूप से बांग्लादेश की रहने वाली थी और 15 साल पहले भारत आई थी।
बीजेपी नेताओं के सवाल
बीजेपी नेताओं बिप्लब देब और सुकांत मजूमदार ने आत्महत्याओं के मामलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोई ठोस सबूत है कि SIR इन मौतों का कारण था। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि SIR का होना तय है, चाहे कुछ भी हो।
टीएमसी की प्रतिक्रिया
बीजेपी नेताओं की टिप्पणियों पर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता पागलपन की हद तक यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या पोस्टमार्टम रिपोर्ट में SIR का उल्लेख है। उन्होंने इसे अमानवीय बताया।
बंगाल की जनता का जवाब
कुणाल घोष ने कहा कि टीएमसी मानती है कि बीजेपी SIR से जुड़ी मौतों का मजाक बना रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर एक 92 वर्षीय व्यक्ति आत्महत्या क्यों करेगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी का यह रवैया अमानवीय और असंवेदनशील है, और बंगाल की जनता इसका जवाब देगी।
