पत्तागोभी और टेपवर्म: जानें क्या है सच

पत्तागोभी का खतरा
नई दिल्ली: सर्दियों में हरी पत्तेदार सब्जियों की भरपूर उपज होती है, जिसमें पत्तागोभी, जिसे बंदगोभी भी कहा जाता है, शामिल है। हाल के वर्षों में यह चर्चा में आया है कि पत्तागोभी खाने से उसमें मौजूद कीड़े दिमाग तक पहुंच सकते हैं। यहां तक कि इसे उबालने पर भी ये कीड़े खत्म नहीं होते। इस स्थिति को मेडिकल भाषा में न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस कहा जाता है।
टेपवर्म क्या है?
टेपवर्म एक चपटा परजीवी कीड़ा है, जो विभिन्न जानवरों को संक्रमित करता है और उनकी आंतों में पाया जाता है। यह मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे मतली, कमजोरी, दस्त और थकान जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं।
पत्तागोभी में टेपवर्म का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पत्तागोभी को ठीक से पकाया नहीं गया तो इसमें टेपवर्म शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। पीजीआई चंडीगढ़ के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुमीत धवन ने बताया कि कच्ची पत्तागोभी खाने से यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।
साफ-सफाई का महत्व
फोर्टिस अस्पताल के डॉ. गुरनीत सिंह साहनी ने कहा कि पत्तागोभी को अच्छी तरह से धोना और पकाना आवश्यक है। यदि सब्जियों को ठीक से साफ नहीं किया गया तो टेपवर्म शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।
दिमाग में कीड़े के लक्षण
यदि टेपवर्म शरीर में प्रवेश कर जाते हैं, तो वे आंतों के माध्यम से रक्त प्रवाह में पहुंच सकते हैं। इसके लक्षणों में पेट दर्द, मिरगी के दौरे, उल्टी और कमजोरी शामिल हैं।
इलाज के तरीके
डॉ. सुमीत ने बताया कि न्यूरोसिस्टीसर्कोसिस का इलाज विभिन्न दवाओं से किया जाता है, जिसमें कीड़े मारने वाली दवाएं और सूजन कम करने वाली दवाएं शामिल हैं।
निष्कर्ष
पत्तागोभी खाने से टेपवर्म का प्रजनन नहीं होता है, लेकिन सब्जियों को अच्छी तरह से साफ करना और पकाना आवश्यक है।