पचमढ़ी में कांग्रेस का प्रशिक्षण शिविर: धर्मनिरपेक्षता और संगठन निर्माण पर चर्चा

पचमढ़ी में चल रहे कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर में धर्मनिरपेक्षता, संगठन निर्माण और जनहित के मुद्दों पर चर्चा की गई। कांग्रेस नेताओं ने संगठन के विस्तार और आगामी आंदोलनात्मक रणनीतियों पर विचार साझा किए। शिविर में योगाभ्यास के साथ दिन की शुरुआत हुई, जिसमें नेताओं ने पार्टी की मूल आत्मा पर जोर दिया। जानें इस महत्वपूर्ण शिविर में और क्या हुआ।
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कांग्रेस का प्रशिक्षण शिविर: दूसरे दिन की गतिविधियाँ

पचमढ़ी में कांग्रेस का प्रशिक्षण शिविर: धर्मनिरपेक्षता और संगठन निर्माण पर चर्चा


पचमढ़ी में आयोजित प्रदेश कांग्रेस के प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन धर्मनिरपेक्षता, सद्भाव, संगठन निर्माण की प्रक्रिया और जनहित के मुद्दों पर कांग्रेस की आगामी आंदोलनात्मक रणनीति पर चर्चा की गई। विभिन्न वक्ताओं ने पार्टी के जिलाध्यक्षों और पदाधिकारियों को संबोधित किया।


धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव का महत्व

कांग्रेस विधायक और एआईसीसी सचिव काजी निजामुद्दीन ने कांग्रेस के जिलाध्यक्षों और नेताओं को 'धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव' का महत्व समझाया। शिविर में भाग ले रहे नेताओं ने योगाभ्यास के साथ दिन की शुरुआत की। इसके बाद, काजी निजामुद्दीन ने 'धर्मनिरपेक्षता और सद्भाव' पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने देश और पार्टी की मूल आत्मा, जो एकता, सद्भाव और विविधता में विश्वास करती है, पर जोर दिया और सभी प्रशिक्षणार्थियों के साथ विचार-विमर्श किया।


संगठन के विस्तार पर जोर

सांसद शशिकांत सेंथिल ने 'संगठन निर्माण की प्रक्रिया' पर चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस का संगठन गांवों तक पहुंचना और सशक्त होना चाहिए। उन्होंने संगठन को जनसंपर्क और जनता के मुद्दों से जोड़ने के लिए ठोस सुझाव दिए।


नेता प्रतिपक्ष की रणनीति

नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने 'मध्य प्रदेश सरकार की विफलताएं, जनहित के मुद्दे और कांग्रेस की आगामी आंदोलनात्मक रणनीति' पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने जनता के बीच जाकर कांग्रेस की नीतियों और संकल्पों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने का आह्वान किया।