नेपाल में बारिश से आई तबाही: 51 लोगों की जान गई, भारत ने मदद का आश्वासन दिया

नेपाल में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचाई है, जिसमें 51 लोगों की जान चली गई है। बाढ़ और भूस्खलन जैसी आपदाओं ने कई क्षेत्रों को प्रभावित किया है। भारत ने इस संकट में नेपाल के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया है। जानें इस प्राकृतिक आपदा के बारे में और क्या जानकारी है, राहत कार्य कैसे चल रहे हैं, और मौसम की स्थिति क्या है।
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नेपाल में बारिश की त्रासदी

नेपाल में पिछले दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने व्यापक तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण बाढ़ और भूस्खलन जैसी घटनाएं सामने आई हैं, जिससे 51 लोगों की जान चली गई है और 20 से अधिक लोग घायल हुए हैं। नेपाल पुलिस के अनुसार, सबसे अधिक नुकसान कोशी प्रदेश में हुआ है, विशेषकर इलाम जिले में, जहां 37 लोगों की मौत हो चुकी है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन खराब मौसम के कारण चुनौतियां बनी हुई हैं।


यातायात पर असर

बारिश के चलते काठमांडू जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों पर भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बनी रही, जिससे शनिवार को यातायात पूरी तरह से ठप रहा। रविवार को मौसम में थोड़ी सुधार के बाद कुछ आवश्यक सेवाओं को चलने की अनुमति दी गई, लेकिन रात में वाहनों की आवाजाही पर अभी भी रोक है।


हवाई सेवाओं पर प्रभाव

खराब मौसम के कारण हवाई सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से काठमांडू, पोखरा, जनकपुर, भरतपुर और भद्रपुर के लिए उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिससे यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


भारत की सहायता

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में हुई इस प्राकृतिक आपदा पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में भारत नेपाल के साथ खड़ा है और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।


मानसून की सक्रियता

नेपाल के मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में देश के पांच प्रांतों—कोशी, मधेश, बागमती, गंडकी और लुंबिनी—में मानसून सक्रिय है। लगातार बारिश के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, और सरकार तथा आपदा प्रबंधन टीमें पूरी तरह से अलर्ट हैं।


राहत कार्य जारी

सरकारी एजेंसियां और बचाव दल राहत कार्यों में जुटे हुए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे खराब मौसम के दौरान यात्रा से बचें और स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।