तमिलनाडु में SIR प्रक्रिया पर उठे सवाल, मतदाता अधिकारों पर संकट

तमिलनाडु के पेरुंबक्कम पुनर्वास कॉलोनी में SIR प्रक्रिया के चलते लगभग 26,000 परिवारों के मतदान अधिकार खतरे में हैं। निर्वाचन आयोग के पास आवश्यक कागजी जानकारी की कमी के कारण मतदाता पहचान पत्रों में विसंगतियां हैं। स्थानीय प्रतिनिधियों के अनुसार, केवल कुछ परिवारों के पास सही पते हैं, जिससे मतदान प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। इस मुद्दे पर 16 नवंबर 2025 को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। क्या प्रशासन इस समस्या का समाधान कर पाएगा?
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SIR प्रक्रिया में समस्याएं

भारत के 12 राज्यों में SIR प्रक्रिया चल रही है, लेकिन विपक्षी दलों ने इस पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है, जिससे यह मुद्दा राजनीतिक रूप ले चुका है। चेन्नई के पेरुंबक्कम पुनर्वास कॉलोनी में लगभग 26,000 परिवारों के मतदान अधिकार खतरे में हैं। इसका कारण यह नहीं है कि वे वोटर नहीं हैं, बल्कि निर्वाचन आयोग के पास उनकी आवश्यक कागजी जानकारी की कमी है।


मतदाता पहचान पत्रों में कमी

कई मतदाता पहचान पत्रों में केवल डोर नंबर दर्ज है, जबकि ब्लॉक नंबर का उल्लेख नहीं है। इस कारण से इस विशाल कॉलोनी में मतदाताओं की पहचान करना कठिन हो गया है। पेरुंबक्कम तमिलनाडु का सबसे बड़ा पुनर्वास क्षेत्र है, जहां विभिन्न हिस्सों से परिवारों को बसाया गया है। इन परिवारों को नए आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड जारी किए गए हैं, लेकिन सभी में पते अधूरे हैं।


पते की समस्याएं

इस कॉलोनी में 200-250 ब्लॉकों के साथ, केवल गेट नंबर के आधार पर मतदाताओं को खोजना असंभव है। स्थानीय प्रतिनिधियों के अनुसार, केवल 3,000 परिवारों के दस्तावेजों में सही पता है, जबकि अन्य के पते अधूरे, दोहराए गए या गलत हैं।


मतदाता सूची में विसंगतियां

पेरुंबक्कम के वोटर लिस्ट में एक ही पते पर बिना ब्लॉक नंबर के 177 लोग दर्ज हैं। एक अन्य मामले में, डोर नंबर 29 पर 16 लोग सूचीबद्ध हैं। ऐसी गलतियों के कारण हजारों मतदाताओं के पते अधूरे या समान हैं, जिससे SIR प्रक्रिया पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, "यह व्यवस्था पूरी तरह से विफल हो रही है।"


BLO की चुनौतियां

बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) इस समस्या का सामना कर रहे हैं। एक BLO ने बताया कि वह पूरे दिन में केवल 24 फॉर्म ही बांट पाईं, जबकि उनका लक्ष्य 935 मतदाताओं तक पहुंचना था। अब तक वह केवल 150 मतदाताओं तक पहुंच पाई हैं, जो कि लक्ष्य का केवल 16 प्रतिशत है। उनके अनुसार, यह कार्य एक बुरे सपने में बदल गया है।


राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन

इन अनियमितताओं और SIR को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच, 16 नवंबर 2025 को सुबह 11 बजे तमिलनाडु के सभी जिला मुख्यालयों में राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा। प्रदर्शनकारी मतदान अधिकारों की सुरक्षा के लिए तात्कालिक सुधार की मांग कर रहे हैं।


लोकतांत्रिक अधिकारों पर सवाल

पेरुंबक्कम के मतदाताओं की यह समस्या न केवल प्रशासनिक विफलता को उजागर करती है, बल्कि लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी गंभीर सवाल उठाती है। यदि इस समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया, तो हजारों परिवार मतदान के अधिकार से वंचित हो सकते हैं।


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