छत्तीसगढ़ में मच्छरों के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन, युवक ने नगर निगम को सौंपे मच्छर

छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक युवक ने मच्छरों के काटने के बाद अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उसने मच्छरों को मारकर उन्हें प्लास्टिक बैग में पैक किया और नगर निगम कार्यालय पहुंचकर स्वास्थ्य अधिकारियों से जांच की मांग की। इस घटना ने शहर की मच्छर नियंत्रण व्यवस्था की विफलता को उजागर किया है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि मच्छरों का प्रकोप चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है, जिससे वे डेंगू और मलेरिया के भय में जी रहे हैं। जानें इस अनोखे विरोध के पीछे की कहानी और नगर निगम की प्रतिक्रिया।
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रायपुर में मच्छरों के खिलाफ अनोखा विरोध

रायपुर
छत्तीसगढ़ के रायपुर में एक युवक ने मच्छरों के काटने के बाद एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। उसने मच्छरों को मारकर उन्हें एक प्लास्टिक बैग में पैक किया और नगर निगम कार्यालय पहुंच गया। वहां उसने स्वास्थ्य अधिकारी से अनुरोध किया कि वे इन मच्छरों की जांच करें, क्योंकि उसे संदेह था कि ये डेंगू के वाहक हो सकते हैं।


दौलल पटेल नामक इस व्यक्ति ने बताया कि उसे डर था कि मच्छरों के काटने से उसे डेंगू हो सकता है। उसने पहले डॉक्टर से सलाह ली, जिसने उसे मच्छरों की जांच कराने की सलाह दी। सामाजिक कार्यकर्ता विजय सोना और नगर निगम के विपक्ष के नेता आकाश तिवारी के साथ मिलकर, पटेल ने नगर निगम मुख्यालय में स्वास्थ्य अधिकारी को पैक किए गए मच्छर सौंपे।


नगर निगम के अधिकारियों ने तुरंत डॉक्टरों से संपर्क किया और जांच की व्यवस्था की। राहत की बात यह रही कि मच्छर डेंगू फैलाने वाले नहीं थे, बल्कि सामान्य मच्छर निकले।


इस घटना को विपक्ष ने तुरंत भुनाया। आकाश तिवारी ने कहा कि यह घटना शहर की मच्छर नियंत्रण व्यवस्था की असफलता को दर्शाती है। उन्होंने कहा कि कागजों पर 'स्वच्छ रायपुर, सुंदर रायपुर' का सपना दिखाया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि नागरिकों को खुद मच्छर पकड़कर नगर निगम लाना पड़ रहा है।


स्थानीय निवासियों का कहना है कि मच्छरों का प्रकोप चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। डेंगू और मलेरिया के डर से लोग परेशान हैं। कुछ साल पहले इसी क्षेत्र में एक युवक की मच्छर के काटने से मृत्यु हो गई थी।


विजय सोना ने बताया कि उन्होंने बार-बार नगर निगम अधिकारियों से मच्छरों के प्रकोप की शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि उनके परिवार के एक सदस्य की मच्छर जनित बीमारी से मौत हो चुकी है।


नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग और लार्वा रोधी छिड़काव को तेज किया जाएगा। हालांकि, निवासी अभी भी संशय में हैं। उनका कहना है कि मच्छर नियंत्रण पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद, खुली नालियां और खराब जल निकासी व्यवस्था मच्छरों के पनपने के लिए आदर्श स्थान बनी हुई है।