चोर पंचक 2025: जानें इसके प्रभाव और निषेधित कार्य
चोर पंचक का महत्व
हिंदू धर्म और ज्योतिष में पंचक काल को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण 5 दिनों का पंचक बनता है, जिसे अशुभ माना जाता है। इस दौरान कई कार्यों को करने से मना किया गया है। विशेष रूप से चोर पंचक, मृत्यु पंचक और अग्नि पंचक को सबसे अधिक अशुभ माना जाता है। अक्टूबर में दशहरा समाप्त होते ही पंचकों की शुरुआत हो जाती है। आइए जानते हैं ये पंचक कब से कब तक रहेंगे।
चोर पंचक का प्रभाव
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस महीने 3 अक्टूबर से पंचक की शुरुआत हुई है, जो 8 अक्टूबर की रात तक चलेगा। चूंकि यह पंचक शुक्रवार से शुरू हुआ, इसे चोर पंचक कहा जाता है। इसे धन हानि का योग माना जाता है, और इस दौरान किए गए शुभ कार्य भी अशुभ फल देते हैं।
पंचक काल में निषिद्ध कार्य
पंचक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, जैसे कि सगाई, शादी, जनेऊ, मुंडन, गृहप्रवेश, या नए काम की शुरुआत। कुछ कार्य ऐसे हैं जिन्हें करना पूरी तरह से निषिद्ध है, क्योंकि इससे जीवन में संकट आ सकता है।
– पंचक काल में लकड़ी या लकड़ी से बनी चीजें जैसे फर्नीचर या अन्य सामान नहीं खरीदें।
– ज्वलनशील वस्तुएं खरीदने या घर में लाने से बचें।
– बिस्तर या पलंग खरीदना मृत्यू का संकट ला सकता है।
– घर की छत, नींव डालना, या गृह निर्माण की शुरुआत करना अशुभ होता है।
– दक्षिण दिशा की यात्रा से बचें।
– यदि किसी परिजन की मृत्यु हो जाए, तो अंत्येष्टि और अन्य संस्कार पुरोहित से पूछकर विशेष तरीके से करें।
पंचक कब लगते हैं?
ज्योतिष के अनुसार, जब चंद्रमा लगातार पांच विशेष नक्षत्रों – धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती में गोचर करता है, तब पंचक लगते हैं। हर महीने ऐसे 5 दिन होते हैं जब किसी भी प्रकार के मांगलिक और शुभ कार्य करने की मनाही होती है।