चीन का अमेरिका को कड़ा जवाब: टैरिफ युद्ध की चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद, चीन ने कड़ा जवाब दिया है। उसने स्पष्ट किया है कि वह शांति और बातचीत को प्राथमिकता देता है, लेकिन उकसाने पर जवाबी कार्रवाई करेगा। इस तनाव के बीच, ट्रंप की धमकी और चीन के नए निर्यात नियमों के कारण वैश्विक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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चीन की प्रतिक्रिया

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर 100 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद, चीन ने सख्त प्रतिक्रिया दी है। उसने स्पष्ट किया है कि वह शांति और संवाद को प्राथमिकता देता है, लेकिन यदि उकसाया गया तो वह जवाबी कार्रवाई करने से पीछे नहीं हटेगा। चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने एक ऑनलाइन बयान में कहा कि उनका रुख स्पष्ट है। वे टैरिफ युद्ध नहीं चाहते, लेकिन इससे डरते भी नहीं हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि यदि अमेरिका अपनी जिद पर अड़ा रहा, तो चीन अपने हितों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएगा।


ट्रंप की धमकी का संदर्भ

यह बयान ट्रंप की धमकी के दो दिन बाद आया, जिसमें उन्होंने 1 नवंबर तक चीन से आयात पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी। यह धमकी चीन के नए नियमों के जवाब में थी, जिसमें दुर्लभ मृदा के निर्यात पर पाबंदी लगाई गई है। ये खनिज कई उपभोक्ता और सैन्य उत्पादों के लिए आवश्यक हैं।


रेयर अर्थ पर विवाद

चीन इन रणनीतिक खनिजों की वैश्विक आपूर्ति में एक प्रमुख खिलाड़ी है, जो 70% खनन और 90% प्रसंस्करण पर नियंत्रण रखता है। नए नियमों के अनुसार, विदेशी कंपनियों को चीनी दुर्लभ मृदा वाले सामान भेजने के लिए विशेष लाइसेंस प्राप्त करना होगा। ट्रंप प्रशासन इसे आर्थिक हथियार मानता है। ट्रंप ने चीन पर आरोप लगाया कि वह दुनिया को बंधक बना रहा है, जो न केवल अमेरिकी कंपनियों, बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इस तनाव के कारण ट्रंप और चीनी नेता शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात प्रभावित हो सकती है, और टैरिफ युद्ध फिर से शुरू हो सकता है।


चीन का पोर्ट शुल्क

चीन ने पलटवार करते हुए घोषणा की है कि वह अगले हफ्ते से अमेरिकी जहाजों पर बंदरगाह शुल्क लगाएगा। मंत्रालय ने कहा कि निर्यात लाइसेंस केवल वैध नागरिक उपयोग के लिए दिए जाएंगे, लेकिन इन खनिजों का सैन्य उपयोग भी होता है। चीन ने यह भी बताया कि अमेरिका ने हाल ही में कई नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें चीनी कंपनियों पर निर्यात नियंत्रण बढ़ाना शामिल है। चीन ने यह भी कहा कि अमेरिका चीनी जहाजों पर नए बंदरगाह शुल्क लगा रहा है, जो मंगलवार से लागू होंगे। इसके जवाब में, चीन ने अमेरिकी जहाजों पर भी ऐसा ही शुल्क लगाने का ऐलान किया है।