क्या पोर्न देखने पर हो सकती है जेल, जानें क्या कहता है कानून

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। अगर आप पोर्न वीडियो देखते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। हाल में ही सर्वोच्च न्यायालय ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित एक महत्वपूर्ण और कड़ा फैसला सुनाया है। अगर आप अपने फोन में या किसी लिंक के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखते हैं, तो आपको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है।
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क्या पोर्न देखने पर हो सकती है जेल, जानें क्या कहता है कानून

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। अगर आप पोर्न वीडियो देखते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। हाल में ही सर्वोच्च न्यायालय ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित एक महत्वपूर्ण और कड़ा फैसला सुनाया है। अगर आप अपने फोन में या किसी लिंक के जरिए चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखते हैं, तो आपको सलाखों के पीछे जाना पड़ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या उसे संग्रहित करना पॉक्सो और आईटी कानून के तहत अपराध है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने हाल ही में यह निर्णय मद्रास हाईकोर्ट के एक पूर्व फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि किसी भी प्रकार की चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और इसके आरोपियों को 3 से 7 साल तक की जेल हो सकती है। कोर्ट ने यह भी बताया कि पॉक्सो एक्ट की धारा 15 के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना, फोन या लैपटॉप में रखना या प्रसारित करना एक गंभीर अपराध है। इस धारा के अनुसार, बच्चों से जुड़ी अश्लील सामग्री को न हटाने, नष्ट न करने या उसकी जानकारी न देने पर भी सजा का प्रावधान है।

इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना या रखना अपराध की श्रेणी में नहीं आता। हाईकोर्ट के इस फैसले को कई एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद, अब सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को 'गंभीर गलती' मानते हुए इसे रद्द कर दिया।

ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत समेत अन्य देशों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के खिलाफ कानून है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इससे संबंधित कई कानून हैं। हालांकि, भारत में सामान्य पोर्नोग्राफी देखना गैर-कानूनी नहीं है, लेकिन चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्री को देखना या साझा करना अपराध है। यदि कोई व्यक्ति अश्लील वीडियो या फोटो देखता है, डाउनलोड करता है या उसे वायरल करता है, तो उसे सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धाराओं के तहत जेल और जुर्माने की सजा का सामना करना पड़ सकता है।

--आईएएनएस

पीएसके/सीबीटी