किशोर इंदुकुरी: नौकरी छोड़कर डेयरी फार्मिंग में सफलता की कहानी
सपनों की ओर कदम बढ़ाते किशोर इंदुकुरी
कई बार आपने सुना होगा कि व्यक्ति को वही काम करना चाहिए, जिसमें उसका मन लगे। लेकिन आज भी समाज में ऐसे लोग हैं, जो दूसरों की इच्छाओं के अनुसार चलते हैं। चाहे वह करियर का चुनाव हो या कोई और निर्णय, परिवार अक्सर अपने बच्चों पर दबाव डालते हैं। ऐसे में बच्चे अपनी इच्छाओं को दबाकर पढ़ाई करते हैं। लेकिन आज हम आपको एक प्रेरणादायक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो यह दर्शाती है कि अगर किसी में धैर्य और मेहनत करने का जज़्बा हो, तो वह अपने मन की बात सुनकर भी सफलता प्राप्त कर सकता है.
किशोर की अनोखी यात्रा
आजकल हर माता-पिता का सपना होता है कि उनका बच्चा डॉक्टर, इंजीनियर या वैज्ञानिक बने। लेकिन किशोर इंदुकुरी की कहानी कुछ अलग है। कई लोग नौकरी करते हैं, लेकिन उनमें हमेशा एक खालीपन रहता है। किशोर ने भी इसी अनुभव का सामना किया। आईआईटी के पूर्व छात्र किशोर ने अमेरिका में एक अच्छी नौकरी छोड़कर अपने सपनों की ओर कदम बढ़ाने का फैसला किया।
डेयरी फार्मिंग में कदम
किशोर ने स्वदेश लौटकर 20 गायें खरीदीं और डेयरी फार्मिंग में अपने भाग्य को आजमाने का निर्णय लिया। प्रारंभिक चुनौतियों के बावजूद, उनकी मेहनत रंग लाई और आज उनकी कंपनी 44 करोड़ रुपये की हो गई है। उन्होंने हैदराबाद में 'सिड्स फार्म' नाम से डेयरी शुरू की, जहां वे ग्राहकों को सब्सक्रिप्शन के आधार पर शुद्ध दूध प्रदान करते हैं।
शिक्षा और अनुभव
मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी से मास्टर्स और पीएचडी करने के बाद, किशोर ने इंटेल में छह साल तक काम किया। लेकिन नाखुश रहने के कारण उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर कर्नाटक लौटने का निर्णय लिया। यह उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
सफलता की कहानी
हैदराबाद में, किशोर ने देखा कि लोगों के पास सुरक्षित और स्वास्थ्यकर दूध के सीमित विकल्प हैं। 2012 में, उन्होंने 20 गायों के साथ अपनी डेयरी शुरू की और सीधे ग्राहकों के घरों तक ऑर्गेनिक दूध पहुंचाना शुरू किया। आज उनके डेयरी फार्म में लगभग 10,000 ग्राहक हैं और यह कंपनी 44 करोड़ रुपये की वार्षिक आय प्राप्त कर रही है।
प्रेरणा का स्रोत
किशोर इंदुकुरी की कहानी यह साबित करती है कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता। मेहनत और लगन से किया गया हर काम सफल होता है।
