कानपुर के श्रवण कुमार ने शुरू की नई एयरलाइंस, जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी
कानपुर में एविएशन सेक्टर में हलचल
हाल ही में देश के एविएशन क्षेत्र में हलचल मच गई, जब इंडिगो एयरलाइंस की कई उड़ानें विभिन्न कारणों से रद्द होने लगीं। इससे आम जनता और सरकार दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, कुछ दिनों में स्थिति सामान्य हो गई, लेकिन यह सवाल उठने लगा कि क्या यह समस्या कुछ एयरलाइंस के कारण उत्पन्न हुई थी। इस पर सरकार ने नई एयरलाइंस को अनुमति देने का निर्णय लिया। इनमें से एक शंख एयरलाइंस है, जिसे हाल ही में एनओसी मिली है और जल्द ही इसके विमान उड़ान भरते हुए दिखाई देंगे। शंख एयरलाइंस की स्थापना की कहानी भी दिलचस्प है। दरअसल, कानपुर के एक युवा ने टेम्पो चलाने से लेकर एयरलाइंस स्थापित करने तक का सफर तय किया।
श्रवण कुमार विश्वकर्मा की प्रेरणादायक यात्रा
कानपुर के श्रवण कुमार विश्वकर्मा, जो अब ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम बन चुके हैं, ने पहले अपनी आर्थिक स्थिति के कारण टेम्पो चलाने का काम किया। उन्होंने लगभग एक साल तक अपने दोस्तों के साथ मिलकर टेम्पो चलाया। श्रवण कहते हैं, "मैं बिना किसी संकोच के कह सकता हूं कि मैंने एक साल तक टेम्पो चलाया। धीरे-धीरे समय बीता और सफलता मिलने लगी।" इसके बाद वे कानपुर से लखनऊ चले गए, जहां उनकी जिंदगी में बदलाव आया। उन्होंने माइनिंग, सीमेंट और ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में सफलता हासिल की।
400 से अधिक ट्रकों का बेड़ा
श्रवण कुमार का बचपन में पढ़ाई में मन नहीं लगता था और उन्होंने कम स्कूलिंग की। टेम्पो चलाने के बाद उन्होंने कुछ व्यापारिक प्रयास किए, लेकिन उनमें सफलता नहीं मिली। 2015 में उन्होंने सीमेंट का काम शुरू किया, जिससे उनकी किस्मत बदल गई। इसके बाद उन्होंने टीएमटी और माइनिंग के क्षेत्र में कदम रखा और वहां से ट्रांसपोर्ट में प्रवेश किया। अब उनके पास 400 से अधिक ट्रकों का बेड़ा है।
एविएशन सेक्टर में संभावनाएं
श्रवण का मानना है कि एविएशन सेक्टर में कैशफ्लो अच्छा होता है क्योंकि यहां उधारी का काम नहीं होता। यही कारण है कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में यहां सफल होने की संभावना अधिक है। वे कहते हैं, "मेरा मानना है कि आने वाले समय में एविएशन सबसे बड़ा सेक्टर बनेगा। इसमें कैशफ्लो अच्छा है और प्रतिस्पर्धा कम है।"
किराए में पारदर्शिता का वादा
एयरलाइंस सेक्टर में किराए की समस्या आम है। श्रवण का कहना है कि वे अपनी फ्लाइट्स में डायनिमिक फेयर सिस्टम नहीं रखेंगे। जो किराया सुबह होगा, वही शाम को भी रहेगा। त्योहारों और मांग वाले समय में पारदर्शी किराए पर ध्यान दिया जाएगा। शुरुआत में एयरबस के विमान होंगे और भविष्य में और विमानों की खरीद की योजना है, साथ ही कुछ वर्षों बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत भी होगी।
