उत्तर प्रदेश में मनरेगा मजदूरी में बदलाव: 252 रुपए प्रतिदिन और 7 दिन में भुगतान

उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा मजदूरों की दैनिक मजदूरी को 252 रुपए निर्धारित किया है और अब भुगतान की प्रक्रिया को 15 दिनों से घटाकर 7 दिन कर दिया गया है। ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने विधानसभा में यह जानकारी दी। इसके साथ ही, उन्होंने नए विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम के तहत कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 125 दिन करने की भी घोषणा की। जानें इस योजना के बारे में और क्या बदलाव आए हैं।
 | 

मनरेगा मजदूरी की नई दरें

उत्तर प्रदेश की ग्राम्य विकास राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम ने मंगलवार, 23 दिसंबर को विधानसभा में जानकारी दी कि मनरेगा के तहत मजदूरों की दैनिक मजदूरी 252 रुपए निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि यह दर भारत सरकार द्वारा तय की जाती है, इसलिए राज्य सरकार से इसमें वृद्धि की उम्मीद नहीं की जा सकती।


भुगतान की प्रक्रिया में सुधार

गौतम ने यह भी कहा कि अब मजदूरों को भुगतान 15 दिनों के बजाय केवल 7 दिनों में किया जाएगा। उन्होंने मनरेगा के स्थान पर लागू होने वाले विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम को विकास में सहायक और प्रभावी बताया। इसके साथ ही, उन्होंने यह दावा किया कि अब मजदूरों के कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 125 दिन की गारंटी दी गई है।


मजदूरी की दर पर सवाल

विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान, विजय लक्ष्मी ने समाजवादी पार्टी के सदस्य त्रिभुवन दत्त के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि मनरेगा योजना के अंतर्गत काम करने वाले मजदूरों के लिए उत्तर प्रदेश में 252 रुपए की मजदूरी निर्धारित की गई है। महंगाई को देखते हुए, जब मजदूरी को 700 रुपए प्रतिदिन करने और कार्य दिवस को 300 दिन करने का सवाल उठाया गया, तो गौतम ने कहा कि यह निर्णय भारत सरकार द्वारा ही लिया जाता है।


मनरेगा योजना में बदलाव

अनिल प्रधान ने पूरक प्रश्न में कहा कि मनरेगा योजना कमजोर वर्ग के लोगों को आत्मनिर्भर बनाती है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में केंद्र सरकार ने योजना के नाम में बदलाव किया है। पहले केंद्र सरकार 100 प्रतिशत भुगतान करती थी, लेकिन नए प्रावधानों में यह व्यवस्था बदल गई है।


बकाया मजदूरी का मुद्दा

सपा सदस्य ने सदन में यह दावा किया कि उत्तर प्रदेश में मजदूरों का 200 करोड़ रुपए का बकाया है। उन्होंने कहा कि इतनी महंगाई में मजदूरों की दिनचर्या कैसे चल पाएगी, यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार तकनीक में आगे होने का दावा करती है, तो भुगतान में इतना समय क्यों लगता है।


भुगतान में तेजी

ग्राम्य विकास राज्यमंत्री गौतम ने कहा कि अब मजदूरों का भुगतान 15 दिन की बजाय 7 दिन में किया जाएगा। उन्होंने मनरेगा योजना के नाम में बदलाव पर बिना नाम लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 2009 से पहले यह नरेगा था, और चुनाव के समय इसका नाम महात्मा गांधी के नाम पर मनरेगा रखा गया।


नई योजनाओं का प्रभाव

गौतम ने मनरेगा के स्थान पर विकसित भारत गारंटी रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) अधिनियम को विकास में सहायक बताते हुए कहा कि अब मजदूरों के कार्य दिवस को 100 से बढ़ाकर 125 दिन करने की गारंटी दी गई है।