उत्तर प्रदेश में बिजली बिलों का बड़ा बकाया: 57 लाख उपभोक्ता हैं डिफॉल्टर्स

उत्तर प्रदेश में 57 लाख बिजली उपभोक्ता अपने बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिससे सरकार को करोड़ों रुपये के बकाए का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में शुरू की गई ओटीएस योजना के बावजूद, उपभोक्ताओं की रुचि कम है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और सरकार की संभावित कार्रवाई के बारे में।
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उत्तर प्रदेश में बिजली बिलों का बड़ा बकाया: 57 लाख उपभोक्ता हैं डिफॉल्टर्स

बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के नागरिकों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं। हाल ही में, बिजली उपभोक्ताओं को बढ़ते बिलों से राहत देने के लिए एक ओटीएस योजना शुरू की गई थी। हालांकि, आंकड़ों के अनुसार, 57 लाख उपभोक्ता अभी भी अपने बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं। सरकार इन डिफॉल्टर्स के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है।


बकाया बिलों की स्थिति

उत्तर प्रदेश में 57 लाख उपभोक्ता वर्षों से बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण उन पर करोड़ों रुपये का बकाया है। सरकार ने बकाया वसूलने के लिए ओटीएस योजना लागू की थी, लेकिन उपभोक्ताओं ने इसमें रुचि नहीं दिखाई। वर्तमान में, इन उपभोक्ताओं पर लगभग 14,765 करोड़ रुपये का बकाया है।


एकमुश्त समाधान योजना का प्रभाव

यूपी सरकार ने बकाया बिलों पर ब्याज में छूट देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना शुरू की है, जो 15 दिसंबर 2024 से प्रभावी होगी। हालांकि, अब तक इस योजना में शामिल होने वाले 10 प्रतिशत उपभोक्ता भी नहीं हैं।


उपभोक्ताओं की अनिच्छा

योजना के तहत राहत देने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन उपभोक्ता इसमें रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यूपी पावर कॉरपोरेशन के आंकड़ों के अनुसार, 57,20,726 उपभोक्ता एक बार भी बिजली बिल नहीं भरते हैं। इनमें से केवल 4,27,999 ने ओटीएस में पंजीकरण कराया है, जो कुल बकायेदारों का महज 7.5 प्रतिशत है।


लंबे समय से अनपेड उपभोक्ता

इस योजना में शामिल उपभोक्ताओं से 444.78 करोड़ रुपये की वसूली की गई है। वहीं, 90,67,001 उपभोक्ता लंबे समय से अपने बिल नहीं चुका रहे हैं, जिन पर 13,047 करोड़ रुपये का बकाया है।


मुफ्त कनेक्शन के बावजूद बकाया

आंकड़े बताते हैं कि मुफ्त बिजली कनेक्शन प्राप्त करने वाले उपभोक्ताओं में से एक बड़ा हिस्सा भी बकायेदार है। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने 30 नवंबर को एकमुश्त समाधान योजना की घोषणा की थी।


योजना में नामांकन की स्थिति

योजना में नेवर पेड और लंबे समय से अनपेड उपभोक्ताओं को शामिल करने पर जोर दिया गया था, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि ओटीएस प्रणाली इन उपभोक्ताओं से वसूली में प्रभावी नहीं हो रही है। सरकार इन उपभोक्ताओं के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।