उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की पदयात्रा: बेरोज़गारी और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई गई

उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की पदयात्रा ने बेरोज़गारी और अन्याय के खिलाफ एक नई आवाज़ उठाई है। सांसद संजय सिंह के नेतृत्व में हजारों लोग इस यात्रा में शामिल हुए, जहां उन्होंने सड़क और बिजली की समस्याओं पर चर्चा की। आशा बहुओं की समस्याओं को सुनते हुए, उन्होंने उनके हक की आवाज़ उठाने का वादा किया। इस यात्रा ने प्रदेश की जनता के बीच बदलाव की चाह को उजागर किया है। जानें इस यात्रा के दौरान और क्या हुआ।
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पदयात्रा का उत्साह

उत्तर प्रदेश में बेरोज़गारी और अन्याय के खिलाफ आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित रोज़गार और सामाजिक न्याय की पदयात्रा के चौथे दिन कूरेभार से कटका तक हजारों लोग शामिल हुए। हर मोड़ और गांव में लोगों की भीड़ ने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश की जनता बदलाव की चाह रखती है। इस दौरान कूरेभार में युवाओं ने सांसद संजय सिंह से मिलकर रोजगार की मांग को सदन में उठाने का आग्रह किया।


सड़कें और बिजली की समस्या

पदयात्रा के दौरान पटना चौराहे पर पिंकू सिंह और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के पास आशा बहुओं ने संजय सिंह का जोरदार स्वागत किया। कूरेभार बाजार, गुफ्तारगंज बाजार, बाबूगंज और कटरा बाजार में भी इस यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अयोध्या से प्रयागराज तक चलने वाली यह 200 किमी लंबी पदयात्रा जब कूरेभार पहुंची, तो लोगों का भावनात्मक जुड़ाव स्पष्ट था।


उत्तर प्रदेश में आम आदमी पार्टी की पदयात्रा: बेरोज़गारी और अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई गई


भेदभाव की कहानी

सांसद संजय सिंह ने कहा कि सुल्तानपुर की सड़कें भेदभाव की कहानी बयां करती हैं। सड़कें इतनी खराब हैं कि गड्ढों की गिनती करने में एक साल लग सकता है। लोग रोज़ाना हादसों के डर में यात्रा करते हैं। बिजली की कटौती भी एक गंभीर समस्या है, जहां 24 घंटे में मुश्किल से 10 घंटे बिजली मिलती है, जिससे बच्चों की पढ़ाई और दुकानदारों का काम प्रभावित हो रहा है।


आशा बहुओं की समस्याएं

पदयात्रा के दौरान, संजय सिंह ने आशा बहुओं की समस्याओं को सुना और उनकी आवाज़ को संसद तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि आशा बहुएं महिलाओं के जीवन को संकट में बचाने का काम करती हैं, लेकिन उन्हें मिलने वाला मानदेय बहुत कम है। उन्होंने वादा किया कि जब भी उन्हें बोलने का मौका मिलेगा, वह आशा बहुओं की आवाज़ को मजबूती से उठाएंगे।


युवाओं के सपनों पर असर

संजय सिंह ने कहा कि पिछले 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश में एक भी शिक्षक भर्ती नहीं हुई है। UPTET, पुलिस भर्ती, या RO/ARO जैसी परीक्षाएं पेपर लीक के कारण पूरी नहीं हो पाईं। भ्रष्टाचार और पेपर लीक के कारण आयोग द्वारा परीक्षाएं रद्द की गईं, जिससे युवाओं के सपनों को बार-बार ठेस पहुंची। उन्होंने कहा कि पेपर लीक अब यूपी की पहचान बन चुका है, और जब तक कठोर कार्रवाई नहीं होती, तब तक युवाओं का भविष्य सुरक्षित नहीं हो सकता।