उत्तराखंड में आधुनिक मदरसे की शुरुआत, छात्रों को मिलेगी नई शिक्षा प्रणाली

उत्तराखंड में एक नया आधुनिक मदरसा स्थापित किया गया है, जो मार्च से छात्रों को शिक्षा प्रदान करेगा। इस मदरसे में सामान्य विषयों के साथ अरबी और संस्कृत की पढ़ाई होगी। वक्फ बोर्ड का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, जबकि कुछ समुदाय के सदस्य इस बदलाव का विरोध कर रहे हैं। जानें इस मदरसे की विशेषताएं और वक्फ बोर्ड की योजनाएं।
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उत्तराखंड में आधुनिक मदरसे की शुरुआत, छात्रों को मिलेगी नई शिक्षा प्रणाली

उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा

उत्तराखंड का पहला आधुनिक मदरसा, जिसका नाम डॉ एपीजे अब्दुल कलाम है, मार्च से शुरू होगा।


देहरादून: उत्तराखंड में एक नया आधुनिक मदरसा तैयार हो चुका है, जहां छात्रों को सामान्य स्कूलों की तरह सभी विषयों की शिक्षा दी जाएगी। इस मदरसे में अरबी के साथ-साथ संस्कृत को वैकल्पिक भाषा के रूप में पढ़ने का अवसर भी मिलेगा। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि मार्च से यहां पढ़ाई शुरू होगी।


यह मदरसा देहरादून के रेलवे स्टेशन के पास मुस्लिम कॉलोनी में लगभग 50 लाख रुपये की लागत से बनाया गया है और इसका नाम 'डॉ एपीजे अब्दुल कलाम मॉडर्न मदरसा' रखा गया है। शम्स ने कहा कि यह मदरसा आसपास के 10 मदरसों में से सबसे अच्छी जगह पर स्थित है और इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है।


इस मदरसे में छात्रों को एक ही स्थान पर पढ़ाने की योजना है, जिससे आसपास के मदरसों को बंद किया जाएगा। शम्स ने बताया कि वक्फ बोर्ड का लक्ष्य साल के अंत तक प्रदेश में 8 से 10 मदरसों का आधुनिकीकरण करना है।


इन मदरसों में सीबीएसई के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम के अनुसार सुबह से दोपहर तक सामान्य शिक्षा दी जाएगी, जबकि शाम को छात्र अपनी पसंद के धार्मिक विषयों का अध्ययन कर सकेंगे। शम्स ने कहा कि उनका उद्देश्य एक ऐसा भारत बनाना है जहां सभी बच्चों को समान शिक्षा मिले।


वक्फ बोर्ड छात्रों को निशुल्क शिक्षा प्रदान करेगा और उनके लिए स्कूल ड्रेस और किताबों का प्रबंध भी करेगा। पहली बार मदरसों में शारीरिक शिक्षा के लिए पूर्व सैनिकों की भर्ती की जाएगी।


उत्तराखंड वक्फ बोर्ड प्रदेश में 117 मदरसे संचालित कर रहा है, जबकि कुल 419 मदरसे पंजीकृत हैं। शम्स ने कहा कि उनकी योजना है कि मदरसों की संख्या कम हो, लेकिन वहां गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।


हालांकि, कुछ मुस्लिम समुदाय के सदस्य वक्फ बोर्ड के इस कदम का विरोध कर रहे हैं और मदरसा शब्द की जगह स्कूल नाम का उपयोग करने का दबाव बना रहे हैं। शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड चाहता है कि सभी मदरसे एक समान तरीके से संचालित हों और इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बातचीत चल रही है।